अध्यक्ष पद पर दावा, शरद पवार को नसीहत... शक्ति प्रदर्शन में दिखी अजित पवार की 'दादागीरी'
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महाराष्ट्र में NCP पर कब्जे को लेकर शक्ति प्रदर्शन हुआ. इसमें अजित पवार अपने चाचा शरद पवार पर हावी दिखे. उनकी बुलाई मीटिंग में NCP के 31 विधायक पहुंचे. अजित गुट ने अब NCP के अध्यक्ष पद पर भी दावा कर दिया है.
महाराष्ट्र में शरद और अजित पवार के लिए बुधवार का दिन बेहद अहम था. आज चाचा और भतीजे की सियासी शक्ति का लाइव परीक्षण हुआ. इसमें भतीजे अजित अपने चाचा पर भारी दिखे. सुबह शुरू हुआ ये शक्ति प्रदर्शन शाम को जाकर खत्म हुआ. दोनों की मीटिंग्स के बाद मामला चुनाव आयोग भी पहुंच गया. इतना ही नहीं अजित पवार गुट ने दावा कर दिया कि चाचा शरद नहीं बल्कि अजित ही अब NCP के अध्यक्ष हैं.
दूसरी तरफ शरद पवार ने अपनी मीटिंग खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इसमें उनके तेवर कुछ नरम दिखे. वह बोले कि अजित को अगर कुछ दिक्कत थी तो वह बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझा सकते थे. अब शरद पवार गुट ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
किसके समर्थन में कितने विधायक?
सबसे पहले बात करते हैं दोनों पक्षों की मीटिंग्स की. NCP किसकी... यह तय करने के लिए दोनों गुटों ने आज अलग अलग बैठक बुलाई थी. अजित पवार की बैठक में 31 विधायक और 4 एमएलसी पहुंचे. वहीं, वाई.बी. चव्हाण सेंटर में हुई शरद पवार गुट की मीटिंग में 13 विधायक और चार सांसद पहुंचे. एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं.
ऐसे में 9 विधायक अब तक किसी गुट में शामिल नहीं हुए हैं. इस तरह नंबर गेम में अजित अपने चाचा शरद पर भारी दिख रहे हैं. हालांकि, दल बदल कानून से बचने के लिए उनको 35 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. अजित का दावा है कि उनके समर्थन में 40 विधायक हैं लेकिन सब मीटिंग में नहीं आ पाए थे. इस संख्या बल को लेकर दोनों गुटों की ओर से अलग अलग दावे किए जा रहे हैं, हालांकि इसे लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है.
नंबर गेम में चाचा से आगे निकलकर अजित पवार संदेश देने में सफल रहे कि एनसीपी उनकी मुट्ठी में है. यानी जैसे 2019 में हुआ था, वैसा 2023 में नहीं होगा. बता दें कि 2019 में डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बावजूद कुछ ही घंटों में अजित को इस्तीफा देकर देवेंद्र फडणवीस से गठबंधन तोड़ना पड़ा था.
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