
Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल को स्लेजिंग करना पड़ा भारी, कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मैदान से किया बाहर, Video
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साउथ जोन ने वेस्ट जोन को 294 रनों से हराकर दलीप ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है. इस फाइनल मुकाबले का आखिरी दिन विवादों से भरपूर रहा, जब साउथ जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अपनी टीम के खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को मैदान से बाहर भेज दिया. अनुशासनहीन रवैये के चलते जायसवाल के खिलाफ यह कदम उठाया गया.
दलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में साउथ जोन ने वेस्ट जोन को 294 रनों से हरा दिया है. 529 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए वेस्ट जोन की टीम 234 रनों पर सिमट गई. फाइनल मुकाबले का आखिरी दिन विवादों से भरपूर रहा, जब साउथ जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अपनी टीम के युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को मैदान से बाहर भेज दिया. यशस्वी जायसवाल के अनुशासनहीन रवैये के चलते रहाणे को यह कदम उठाना पड़ा.
यशस्वी बार-बार साउथ जोन के बल्लेबाजों खासकर रवि तेजा को स्लेज कर रहे थे. अंपायरों ने भी यशस्वी को इसे लेकर दो-तीन बार चेतावनी दी. लेकिन जब पारी के 57वें ओवर में यशस्वी ने एक बार फिर यही हरकत की तो अंपायर्स से रहा नहीं गया और उन्होंने कप्तान रहाणे से लंबी बातचीत की जिसके बाद यशस्वी को मैदान से बाहर जाना पड़ा.
खास बात यह है कि अंपायरों ने साउथ जोन को सब्स्टीट्यूट फील्डर की इजाजत नहीं दी जिसके चलते उसे कुछ ओवर तक 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर रहना पड़ा. हालांकि 20 साल के जायसवाल ने लगभग सात ओवर बाद फिर से मैदान पर फील्डिंग करने उतरे.
यशस्वी ने जड़ा था दोहरा शतक
दलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में यशस्वी ने साउथ जोन के लिए दूसरी पारी में शानदार दोहरा शतक लगाया था. यशस्वी ने 323 बॉल का सामाना करते हुए 265 रनों रन बनाए, जिसमें 30 चौके और चार छक्के शामिल रहे. सरफराज खान ने भी नाबाद 127 रन बनाकर यशस्वी का भरपूर साथ निभाया था. दोनों की इस शानदार बैटिंग की बदौलत वेस्ट जोन ने चार विकेट पर 585 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित कर दी थी.
साउथ जोन को मिली थी बढ़त

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












