UP Election Results 2022: यूपी की राजनीति में कैसे बेअसर हो गया जाट, यादव और मुस्लिम वोटबैंक?
AajTak
UP Election Results 2022: यूपी में भाजपा प्रचंड बहुमत से चुनाव जीत गई है. लेकिन समाजवादी पार्टी का मुस्लिम-यादव यानी M-Y समीकरण अब फेल क्यों होता जा रहा है. किसान आंदोलन के दौरान केंद्र में रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सपा इस बार कोई कमाल नहीं कर सकी.
UP Election Results 2022: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक समय था, जब मुस्लिम-यादव सत्ता की दशा-दिशा तय किया करते थे तो पश्चिम यूपी में जाट-मुस्लिम कॉम्बिनेशन निर्णायक माने जाते थे. मुस्लिम-यादव यानी M-Y समीकरण के दम पर सपा कई बार सूबे की सत्ता पर काबिज हुई, तो जाट-मुस्लिम फैक्टर के सहारे चौधरी चरण सिंह से लेकर चौधरी अजित सिंह किंगमेकर बनते रहे हैं. लेकिन बीजेपी के सियासी उभार के बाद सूबे की सियासी फिजा ऐसी बदल गई है कि न विपक्ष का कोई सियासी प्रयोग सफल हो रहा है न ही कोई कास्ट फैक्टर.
जाटों पर नहीं चला जयंत का जादू
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 273 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि सपा गठबंधन को 125 सीटें मिली हैं. वहीं, कांग्रेस को दो और बसपा को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा है. हालांकि, किसान आंदोलन और जाट समाज की नाराजगी के चलते माना जा रहा था कि पश्चिमी यूपी में बड़ा नुकसान हो सकता है. इसकी वजह यह थी कि वेस्ट यूपी के किसानों ने बढ़-चढ़कर किसान आंदोलन में हिस्सा लिया और आंदोलन की कमान राकेश टिकैत के हाथों में आ गई.
राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी को लगा कि इस बार वेस्ट यूपी का जाट समुदाय उनके भाग्य का सितारा चमकाते हुए उन्हें उस मुकाम तक जरूर पहुंचा देगा, जहां जाने की उनकी ख्वाहिश है. 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के चलते बिखरे जाट-मुस्लिम किसान आंदोलन के चलते फिर से एकजुट हो रहे थे. पश्चिमी यूपी में जाट-मुस्लिम फैक्टर को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के साथ गठबंधन किया.
जयंत चौधरी के साथ-साथ किसान नेता और जाट समुदाय से आने वाले राकेश टिकैत ने जाट बेल्ट में घूम-घूमकर बीजेपी और योगी-मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इसके बावजूद बीजेपी के विजय रथ को रोक नहीं सके. शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ छोड़कर पश्चिमी यूपी के किसी भी जाट बहुल इलाक में सपा-रालोद गठबंधन अपना असर नहीं दिखा सका. बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मथुरा, आगरा और हाथरस जैसे जिले की जाट बहुल सीटों पर बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की है.
सपा के साथ गठबंधन करने के बाद भी जयंत चौधरी की आरएलडी महज आठ सीटों पर चुनाव जीत सकी है, जबकि उसने 31 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. जाट बेल्ट में बीजेपी गुर्जर, कश्यप, सैनी, ठाकुर, वाल्मिकी, शर्मा, त्यागी जैसी जातियों के समीकरण बिठाने में कामयाब रही. ये तमाम जातियों की गोलबंदी बीजेपी के जाट बेल्ट में जीत का आधार बनी. इस तरह से बीजेपी ने पश्चिम यूपी में जाट बेल्ट में जाट-मुस्लिम समीकरण को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया.
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि राहुल गांधी हर विषय पर बिना समझे बयान देते रहते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को चुनौती देते हुए कहा कि वे बिना गहराई से समझे, विषयों पर टिप्पणी कर देते हैं. उन्होंने राफेल, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के मामलों का उदाहरण दिया. देखें वीडियो.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी इस मामले पर बयानबाजी नहीं कर सकती क्योंकि सभी पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कानूनी रूप से पैसा मिला है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सब पर्लियामेंट के द्वारा लागू किए गए निर्णय के अनुसार हुआ है. वित्त मंत्री ने और क्या कहा, देखें वीडियो.