UP: कोरोना संकट के बीच नीम का मास्क लगाए युवक का वीडियो वायरल, बोला- अस्पताल से मिला है
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो लखीमपुर खीरी के एक शख्स का है. ये आदमी नीम का मास्क लगाए हुए है, दावा है कि उन्हें सरकारी अस्पताल से ही ये मास्क मिला है.
कोरोना के संकट से बचने के लिए एक्सपर्ट्स ने मास्क को ही सबसे बेहतर उपाय बताया है. कई लोग इसका पालन कर रहे हैं, कई नहीं और कुछ ने अनोखा तरीका निकाला है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले महेंद्र सिंह का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हैं, कारण है उनका मास्क. ये कोई आम मास्क नहीं है, बल्कि नीम से बना है और इसे जिसमें लपेट रखा है उसका इस्तेमाल जानवरों के लिए किया जाता है. जिसे जाबी भी कहते हैं. ये वीडियो लखीमपुर जिले के बगरेठी गांव का है, जहां के महेंद्र सिंह ने अनोखा मास्क लगाया है. महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें सरकारी अस्पताल में एक अधिकारी ने ही ये मास्क दिया है. जिनका कहना था कि मास्क में नीम के पत्ते लगाने से फायदा होगा. अब महेंद्र सिंह ने इस मास्क को लगाया है, कह रहे हैं कि बहुत आसानी है, सांस लेने में भी कोई तकलीफ नहीं हो रही है. महेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास कपड़े का मास्क नहीं था, जब पुलिस की चेकिंग चल रही थी, लेकिन बाद में हमें ये मास्क मिला. अब हम इसे ही लगाते हैं. हाल ये है कि गांव में महेंद्र सिंह जहां निकलते हैं, वहां उनके पीछे भीड़ इकट्ठा हो जाती है. और कुछ गांव वाले भी उनकी तरह ही मास्क पहन रहे हैं. महेंद्र सिंह का कहना है कि नीम एक औषधि पेड़ है, इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. इस मास्क को लगाने से उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत नहीं होती है और स्वच्छ हवा उनको मिलती है. गांव में जारी है कोरोना का कहर लखीमपुर जिले के इस बगरेठी गांव में कोरोना का संकट जारी है. गांव के निवासी गौरव सिंह के मुताबिक, होली के बाद से अबतक गांव में 15-20 लोगों की जान जा चुकी है. अधिकतर लोग बुखार, जुकाम के मरीज़ थे. ऐसे में नीम का पेड़ इस वक्त रामबाण का काम कर रहा है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है, हालांकि ग्रामीण इलाकों को लेकर अभी भी चिंता बरकरार है.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.