Ukraine-Russia Conflict: विश्व पर मंडरा रहे युद्ध के बादल, देखें भारत पर कितना पड़ेगा इसका असर
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जैसे-जैसे यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे दुनिया के लिए दो फ्रंट पर खतरा बढ़ता जा रहा हैं. पहला अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर है और दूसरा जंग के मोर्चे पर. यानी युद्ध के बादल दुनिया की इकोनॉमी को बुरे परिणाम की ओर ढकेल रहे है. कच्चे तेल की कीमत में रिकॉर्डतोड़ उछाल आया तो दुनियाभर के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. इसका असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिला. यहां आपको ये भी समझना जरूरी है कि तनाव बढ़ा तो भारत को 2 मोर्चो पर अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. दरअसल रूस लंबे अर्से से भारत का दोस्त है, वहीं अमेरिका क्वॉड के जरिए चीन के खिलाफ भारत से दोस्ती मजबूत कर रहा है. यानी अगर मामला बिगड़ा तो भारत को अपना रुख साफ करना होगा, मतलब ये कि भारत रूस के साथ है या फिर अमेरिका के साथ. देखें ये रिपोर्ट.
भारत 46वें अंटार्कटिक संसद की मेजबानी कर रहा है. 30 मई तक चलने वाली इस बैठक में बर्फीले महाद्वीप से जुड़े कई मुद्दों पर बात होगी. फिलहाल वैज्ञानिक परेशान हैं क्योंकि अंटार्कटिक महासागर के भीतर धाराएं कमजोर पड़ रही हैं. डर जताया जा रहा है कि साल 2050 तक ये बहाव इतना कम हो जाएगा कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन घटने लगेगी.
इजरायल ने रफा में हमास के ठिकानों पर रविवार को हवाई हमला किए हैं. इजरायली सेना के इस हमले में कम से कम 35 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं. गाजा में हमास द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने कहा, हमले में 34 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.