
Sun Temple: देश का अनोखा सूर्य मंदिर जिसके मुख्य द्वार की दिशा रातों रात बदल गई थी, क्या है इसके पीछे की कहानी जानें
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वैसे तो भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई सूर्य मंदिर हैं जिनकी अपनी अलग महिमा और महत्व है. लेकिन बिहार में एक ऐसा सूर्य मंदिर है जिसका मुख्य दरवाजा रातों रात अपने आप बदल गया था. क्या है इसकी कहानी जानें.
नई दिल्ली: ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर () से लेकर गुजरात के मोढ़ेरा स्थित सूर्य मंदिर (Modhera sun temple) और कश्मीर के अनंतनाग स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर (Martand Surya mandir) तक- देश भर में भगवान भास्कर के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां भक्तों का हर वक्त तांता लगा रहता है. सूर्य देव (Sun God) को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है और ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने से जीवन में ऊर्जा, मानसिक शांति और सफलता मिलती है. आज बात करते हैं देश के एकमात्र ऐसे सूर्य मंदिर की जिसका मुख्य दरवाजा सूर्य के उगने की दिशा पूरब में न होकर पश्चिम में है (Main gate is in west). बिहार के औरंगाबाद जिले में है यह बेहद प्रसिद्ध और अनोखा सूर्य मंदिर जिसका नाम देव सूर्य मंदिर (Deo surya mandir), देवार्क सूर्य मंदिर या देवार्क है. भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर कई मायनों में बेहद खास है और इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भीं हैं जिन्हें सुनने के बाद आपको शायद उन कथाओं पर सहसा यकीन भी नहीं होगा. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर त्रेता युग (Treta yuga) में बना था और कहा जाता है कि इस मंदिर का मुख्य द्वार अचानक ही रातों रात पश्चिम दिशा में मुड़ गया था.More Related News
