SIT Chargesheet: डील किसी और की, निशाना बने अतीक-अशरफ... 10 लाख की सुपारी और जिगाना पिस्टल की कहानी
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अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य नाम के वही तीन लड़के थे, जो पत्रकारों के भेष में दोनों के करीब पहुंचे थे और बिल्कुल प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उन्हें अपनी गोलियों का निशाना बनाया था. SIT ने चार्जशीट में कई चौंकानेवाले खुलासे किए हैं.
Atik-Ashraf Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस अभिरक्षा के बीच तीन शूर्टस ने सरेआम मार डाला था. इस दोहरे हत्याकांड को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. कहीं रंजिश की बात थी तो कहीं पुरानी दुश्मनी का जिक्र. लेकिन जब पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की और उस चार्जशीट से निकलकर कहानी सामने आई तो मामला पूरा उलट गया.
15 अप्रैल 2023, प्रयागराज
रात के 10 बजकर 35 मिनट का वक्त था. शहर के कॉल्विन अस्पताल के बाहर नई उम्र के तीन लड़कों ने अचानक यूपी के खूंखार गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर हर किसी को चौंका दिया था. उस रात ये देश की सबसे बड़ी ख़बर बन गई थी. दरअसल, कत्ल की ऐसी वारदात इससे पहले कभी किसी ने नहीं देखी थी. टीवी कैमरों पर लाइव... सैकड़ों लोगों की आंखों के सामने... वो भी पुलिस हिरासत में सरेआम.. डबल मर्डर.
एसआईटी की चार्जशीट में हैरान करनेवाला खुलासा
उस वारदात के ठीक तीन महीने बाद यूपी पुलिस की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी ने इस सिलसिले में चार्जशीट दाखिल कर दी. जिसने एक बार फिर से हर किसी को हैरान कर दिया है. क्योंकि इस चार्जशीट के मुताबिक अतीक और अशरफ जैसे बड़े माफिया भाइयों के कत्ल के पीछे ना तो कोई बड़ी साज़िश थी और ना ही कोई ऐसा मास्टरमाइंड जो पर्दे के पीछे हो.
सिर्फ माफिया डॉन बनना था कातिलों का मकसद
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.