SCO समिट का अचानक बदला कार्यक्रम? 4 जुलाई को 'वर्चुअली' जुड़ेंगे राष्ट्राध्यक्ष, PM मोदी करेंगे अध्यक्षता
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एससीओ शिखर सम्मेलन को लेकर बड़ी खबर है. भारत ने 4 जुलाई को वर्चुअल रूप से एससीओ समिट की मेजबानी करने का फैसला किया है. यानी समिट में आने वाले राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि वर्चुअल रूप में शामिल होंगे. मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि समिट 'वर्चुअल रूप' में आयोजित किया जाएगा. मंत्रालय ने निर्णय के लिए कोई कारण नहीं बताया है.
भारत इस साल शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 सितंबर 2022 को समरकंद शिखर सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता ग्रहण की है. एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई 2023 को वर्चुअल रूप से आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे. इस समिट में सभी एससीओ सदस्य शामिल होंगे.
शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को ऑब्जर्वर स्टेट के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ बॉडी के दो प्रमुख- सचिवालय और एससीओ आरएटीएस भी उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है. इनमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, CIS, CSTO, EAEU और CICA का नाम शामिल है.
'2018 में पीएम मोदी ने दिया था नया मंत्र'
शिखर सम्मेलन का विषय 'एक सुरक्षित SCO की ओर' है. 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने SECURE नाम दिया था. उन्होंने कहा था कि सुरक्षा के लिए 6 कदम उठाने जरूरी हैं. इनमें अर्थव्यवस्था और व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण शामिल थे. एससीओ की अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया था.
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