
School Closed: केवल परीक्षाओं के लिए खुलेंगे स्कूल, कॉलेज, होली समारोह पर भी इस राज्य ने लगाया प्रतिबंध
AajTak
School Closed in Himachal Pradesh: कुछ शिक्षण संस्थानों में अभी परीक्षाएं चल रही हैं जिन्हें छोड़कर अन्य सभी शिक्षण संस्थान बंद होंगे. बोर्डिंग स्कूलों में अभी हॉस्टल की सुविधा रहेगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी धार्मिक प्रतिष्ठानों या समारोह आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगाया है.
School Closed in Himachal Pradesh: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते अब हिमाचल प्रदेश में भी स्कूलों पर ताले लगाने पड़ रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घोषणा की है कि राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए अब 04 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं. उन्होंने ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी भी साझा की है. मुख्यमंत्री के फैसले के बाद अब राज्य में अगले रविवार (04 अप्रैल) तक सभी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे. कोरोना महामारी से निपटने हेतु हमारी सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। कोविड-19 के दृष्टिगत आज हमने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और अहम निर्णय लिए। राज्य में आगामी 4 अप्रैल तक शिक्षण संस्थान बंद रखे जाएंगे और सभी धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में भी रोक लगाई जाएगी। pic.twitter.com/VwZIliTaGK कुछ शिक्षण संस्थानों में अभी परीक्षाएं चल रही हैं जिन्हें छोड़कर अन्य सभी शिक्षण संस्थान बंद होंगे. बोर्डिंग स्कूलों में अभी हॉस्टल की सुविधा रहेगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी धार्मिक प्रतिष्ठानों या समारोह आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगाया है. इसका अर्थ है कि इस बार राज्य में होली खेलने की भी छूट नहीं होगी. मेडिकल संस्थान काम करते रहेंगे.
Surya Mangal Yuti 2025: 16 दिसंबर को धनु राशि में बनेगी सूर्य-मंगल की युति, इन राशियों को होगा फायदा
Surya Mangal Yuti 2025: धनु राशि में बन रही सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति कई राशियों के जीवन में नई ऊर्जा, बदलाव और नए अवसर लेकर आ रही है. करियर, धन, रिश्ते और आत्मविश्वास से जुड़े मामलों में भी बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.











