
PWD ट्रांसफर विवाद के बाद मंत्री जितिन प्रसाद के OSD पर क्यों गिरी गाज? जानिए पूरी वजह
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UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अरुण कुमार पांडेय को कार्यमुक्त कर मूल विभाग में वापस दिल्ली भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं. साथ ही पांडे के खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है.
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में हुए तबादलों में गड़बड़ियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद अब दोषी अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. पहली गाज पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी (OSD) को अरुण कुमार पांडे पर गिरी है. सचिवालय प्रशासन विभाग ने उन्हें कार्यमुक्त कर मूल विभाग में वापस दिल्ली भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं और पांडे के खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है.
सूत्रों के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी के एक प्रमुख अभियंता मनोज गुप्ता और एक स्टाफ अफसर के खिलाफ भी आज या कल में कोई एक्शन लिया जा सकता है. बड़े पैमाने पर हुए तबादलों की अभी भी जांच चल रही है.
दरअसल, यूपी में चिकित्सकों के तबादले में हुई गड़बड़ियों के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के तबादले में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया था. लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ था. करीब 200 अधिशासी इंजीनियरों और डेढ़ सौ से अधिक असिस्टेंट इंजीनियरों का भी तबादला किया गया. इसको लेकर भी शिकायतें आई थीं.
लोक निर्माण विभाग में 3 साल पहले अमृत इंजीनियर और कई इंजीनियरों का एक से अधिक जिले में तबादले का मामला सामने आया था. तबादलों की अंतिम तारीख जहां सभी विभागों के लिए 30 जून थी, वहीं लोक निर्माण विभाग में 10 जुलाई कर दी गई थी.
इसके बाद कई मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतें सीएम योगी तक पहुंची थीं. स्वास्थ्य विभाग तबादला विवाद में जांच की सिफारिश के साथ ही सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी की जांच के आदेश दे दिए थे.
सूत्रों के मुताबिक, समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि मंत्री के ओएसडी के खिलाफ तबादलों में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें हैं और सूत्र बताते हैं कि उन्होंने स्थानांतरित होने वाले लोगों से पैसे ले लिए हैं.

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