Pegasus Case: पेगासस मामले की जांच के लिए बनी कमेटी में कौन-कौन? क्या काम करेगी? जानें सबकुछ
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पेगासस के जरिए जासूसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है. जांच कमेटी की मदद के लिए तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का भी गठन किया है. ये कमेटी 8 हफ्ते में कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
Pegasus Snooping Row: इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने बुधवार को इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए निगरानी जरूरी है, लेकिन लोकतंत्रत में अंधाधुंध जासूसी की अनुमति नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक्सपर्ट कमेटी बनाई है जो 8 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. लेकिन इस कमेटी में कौन-कौन हैं? इसका काम क्या होगा? कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी? इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं...
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.