Pathaan: पाकिस्तान में पहुंचा पठान! चोरी-छिपे दिखाई जा रही शाहरुख खान की फिल्म
AajTak
शाहरुख खान की फिल्म पठान का क्रेज पाकिस्तान तक जा पहुंचा है. खबर है कि देश के कराची शहर में पठान की गैर-कानूनी स्क्रीनिंग की गई. 900 रुपये टिकट बेची गई और प्रोजेक्टर पर्दे पर फिल्म को दिखाया गया. जबकि पाकिस्तान में चार साल से भारतीय फिल्म बैन है.
भारत में तो पठान का बोलबाला है ही, लेकिन इब इस फिल्म का क्रेज पाकिस्तान तक जा पहुंचा है. हालांकि फिल्म अभी तक पाकिस्तान में ऑफिशियली रिलीज नहीं हुई हैं, लेकिन पड़ोसी देश के कराची शहर में पठान की स्क्रीनिंग की गई है. वो भी सरकारी एरिया में.
पाक को पठान की चाहत
पठान पाकिस्तान को छोड़कर भारत समेत कई देशों में रिलीज हुई है. फिल्म ने 6 दिन में 600 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. दुनियाभर में पठान के चर्चे हो रहे हैं. वहीं शाहरुख खान का भी क्रेज फैंस के सिर चढ़कर बोल रहा है. शायद यही वजह है कि पाकिस्तान की आवाम को भी फिल्म देखने का मन हो गया. अब क्योंकि ऑफिशियली तो फिल्म उनके मुल्क में रिलीज हुई नहीं है, तो उन्होंने इसे दिखाने का दूसरा रास्ता निकाल लिया.
डॉन की रिपोर्ट्स को मानें तो, फेसबुक पर एक एड पोस्ट किया गया, जहां बताया गया कि कराची में पठान की स्क्रीनिंग की जाएगी. इस एड में एक टिकट का प्राइस 900 रुपये बताया गया. फिल्म में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम, डिंपल कपाड़िया और आशुतोष राणा हैं- कास्ट भी बताई गई. एड पोस्ट होने के तुरंत बाद ही लोगों ने पठान फिल्म को देखने में इंटरेस्ट दिखाना शुरू कर दिया. जहां कुछ लोगों जगह और फिल्म की क्वालिटी को लेकर सवाल किए, वहीं कुछ लोगों ने पाकिस्तान में स्क्रीनिंग को लेकर सवाल उठाए.
सरकारी एरिया में स्क्रीनिंग
फिल्म की क्वालिटी और वेन्यू को लेकर सवाल करने वालों को तुरंत जवाब दिया गया. रिप्लाई में कहा गया कि फिल्म डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी में दिखाई जाएगी, वहीं ये HD तो नहीं लेकिन साफ क्वालिटी की होगी. वहीं बैन के बावजूद दिखाए जाने के सवाल पर सिर्फ एक कॉन्टेक्ट नंबर दिया गया, और कॉल कर जानकारी लेने के लिए कहा गया. जिस कंपनी ने ये स्क्रीनिंग ऑर्गनाइज की उसका नाम फायरवर्क इवेंट्स है, जिसे सर्च करने पर पता चला कि ये एक यूके बेस्ड कंपनी है.
पाकिस्तान में मिले रिसेप्शन के बारे में मुमताज ने कहा, 'इतना प्यार इतनी मोहब्बत, इतने सारे लंच और डिनर, माय गॉड!' मुमताज ने कहा कि पाकिस्तान में सड़कों पर लोग उन्हें पहचानते थे, और इसकी उम्मीद उन्हें बिल्कुल नहीं थी. मुमताज ने आगे कहा कि पाकिस्तानी कलाकरों को भी भारत में काम करने का मौका मिलना चाहिए.