NCP का बॉस कौन? चुनाव आयोग ने शरद पवार से मांगे 'सबूत', दिया तीन हफ्ते का वक्त
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शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में चार हफ्ते का समय मांगा था. चुनाव आयोग ने तीन और हफ्ते का समय दे दिया है. अब उन्हें 13 सितंबर तक नोटिस का जवाब देना होगा. वहीं अजित पवार गुट पहले ही अपना जवाब दाखिल कर चुका है. यानी इसके बाद ही तय हो पाएगा कि पार्टी किसकी होगी.
दो फाड़ हो चुकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के नाम और आधिकारिक चिह्न को लेकर शरद पवार और भतीजे अजित पवार आमने-सामने हैं. चुनाव आयोग ने जारी नोटिस का जवाब देने के लिए दोनों गुटों को तीन और हफ्ते का समय दिया है. दरअसल, शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में चार हफ्ते का समय मांगा था. अब उन्हें 8 सितंबर तक नोटिस का जवाब देना होगा. वहीं अजित पवार गुट पहले ही अपना जवाब दाखिल कर चुका है.
दरअसल, अजित पवार गुट ने 30 जून को चुनाव आयोग को सूचित किया था कि पार्टी की ओर से NCP का अध्यक्ष बदल दिया गया है. साथ ही अजित को अध्यक्ष नियुक्त किया है. अजित गुट ने ये भी दावा किया था कि असली एनसीपी वही हैं. लिहाजा अजित गुट ने चुनाव आयोग में एनसीपी और चुनाव चिह्न पर दावा करने संबंधी याचिका दाखिल की थी.
अजित के नेतृत्व वाले गुट ने कहा था कि चुनाव आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया गया है कि उन्हें 30 जून 2023 को NCP के सदस्यों द्वारा साइन किए हुए प्रस्ताव के माध्यम से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. इस प्रस्ताव पर विधायी और संगठनात्मक दोनों विंग के सदस्यों के हस्ताक्षर थे. साथ ही कहा गया था कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे. इसका शरद पवार गुट ने खंडन किया और चुनाव आयोग में अपना दावा किया. इन दोनों के दावों को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब अब शरद गुट को देना है.
2 जुलाई को अजित ने की थी बगावत
बता दें कि पिछले महीने लंबी अटकलों के बाद NCP नेता अजित पवार महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. 2 जुलाई को पवार के साथ छगन भुजबल सहित 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उन्हें NCP के सभी लोगों का आशीर्वाद मिला हुआ है. इसके बाद एनसीपी दो फाड़ हो गई. कुछ विधायक शरद पवार गुट में हैं तो कुछ अजित गुट में.
किसके समर्थन में कितने विधायक?
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