Kasganj Assembly Seat: बीजेपी दोहराएगी जीत या पलटेगी बाजी?
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कासगंज विधानसभा सीट पर आजादी के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस के कालीचरण अग्रवाल को जीत मिली थी. आजादी के बाद शुरुआती दौर में कांग्रेस का गढ़ रही कासगंज विधानसभा सीट धीरे-धीरे जनसंघ और बीजेपी के गढ़ में तब्दील हो गई.
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहते बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने साल 2008 में नए जिले बनाए थे. साल 2008 में ही एटा जिले से अलग होकर कासगंज जिला अस्तित्व में आया था. कासगंज जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं. कासगंज जिले की इन्हीं तीन सीटों में से एक सीट है कासगंज विधानसभा सीट. कासगंज विधानसभा सीट में पिछले परिसीमन के दौरान सोरो विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाके भी मिला दिए गए थे.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.