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'JDU डूबता जहाज...', RCP Singh ने दिया पार्टी से इस्तीफा, बोले- ईर्ष्या का इलाज नहीं
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जनता दल यूनाइटेड के नेता आरसीपी सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. एक समय में वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. जबकि जदयू की ओर से वो केन्द्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कभी दांया हाथ माने जाने वाले जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपीसी सिंह ने अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने नालंदा में अपने गांव मुस्तफापुर में इस इस्तीफे का ऐलान किया. हाल में जदयू ने उन्हें तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
पार्टी के भीतर काफी समय से उपेक्षित हो रहे आरसीपी सिंह के सियासी भविष्य को लेकर सवाल पहले ही खड़े हो रहे थे, लेकिन वो अगला कदम क्या लेंगे, सबकी नजर इसी पर थी. अब उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
'JDU डूबता जहाज...’
अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने कहा- इस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. वो (JDU)डूबता हुआ जहाज है. हमसे चिढ़ है, तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं. वर्तमान समय में मुझ पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी.
मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद जब आरसीपी सिंह पटना पहुंचे तो तब भी उन्होंने अपनी मंशा साफ की थी. उन्होंने कहा था-वह शांत नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा था- मैं जमीन का आदमी हूं, संगठन का आदमी हूं और संगठन में काम करूंगा.
अब उनका ये इस्तीफा एक अप्रत्याशित घटना है. देखना होगा कि जदयू और नीतीश कुमार के बिना क्या वह फिर बिहार की राजनीति में पहले जैसा मुकाम हासिल कर पाएंगे. नौकरशाह से राजनेता बने आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के राइट हैंड माने जाते थे. वो आगे कौन सी राह चुनेंगे, ये अभी बड़ा सवाल है.
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