
IPL 2022: अगले साल IPL होगा और भी दमदार! 2 नई Teams हुईं शामिल
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इंडियन प्रीमियर लीग का अगला सीजन यानी की IPL 2022 और भी धमाकेदार होने वाला है. इस 15वें सीजन में 10 टीम हिस्सा लेने जा रही हैं. यानी की 2 और नई टीम्स. जो की होंगी लखनऊ और अहमदाबाद. इन दोनों नई टीम्स को लेकर दुबई में BCCI और बोली लगाने वाली कंपनियों के अधिकारियों की फाइनल मीटिंग हो चुकी है. बीसीसीआई को लखनऊ और अहमदाबाद टीमों से 12 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है, जो उम्मीद से काफी ज्यादा है. लखनऊ के लिए संजीव गोयनका ग्रुप की ओर से करीब 7000 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई है, पहले भी वह आईपीएल में राइज़िंग पुणे जाइंट्स को खरीद चुके हैं. जबकि अहमदाबाद के लिए करीब 5600 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई है, जो कि विदेशी कंपनी सीवीसी ग्रुप ने लगाई है. देखें ये वीडियो.

अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को अपनी जान देने से पहले 81 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया था और 24 पन्नों का एक नोट छोड़ा था. उस नोट में उनकी अंतिम ख्वाहिश थी कि जब तक अदालत से उचित न्याय न मिले, उनकी अस्थियों का विसर्जन न किया जाए. परिवार ने उनकी इस आखिरी इच्छा का सम्मान करते हुए अस्थियों को घर पर एक पोटली में रखा हुआ है. चार्जशीट दाखिल करने में आठ महीनों की देरी हुई, और पहली सुनवाई भी एक साल से अधिक समय तक टली रही. सवाल यह है कि क्या अब इंसाफ मिलेगा और क्या अतुल की अंतिम इच्छा पूरी की जा सकेगी.

बिग बॉस 19 में गौरव खन्ना विजेता बने और 50 लाख जीते, जबकि भरहाना भट्ट रनरअप रहीं. लोकसभा में आज ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर 10 घंटे की विशेष चर्चा होगी. उधर थाईलैंड ने कंबोडिया सीमा पर फिर एयर स्ट्राइक की. अमेरिका की अंडर सेक्रेटरी एलिसन हूकर भारत दौरे पर हैं. पाकिस्तान ने विदेश मंत्री जयशंकर के बयान पर आपत्ति जताई है. पढ़ें आज सुबह की अहम खबरें...

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गोवा क्लब फायर केस में चार आरोपी मैनेजरों को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. आग में 25 लोगों की मौत हुई थी. क्लब में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया था. इस मामले में क्लब मालिकों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है.

देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर सोमवार को संसद में चर्चा होनी है. इस गीत को लेकर सड़क से संसद तक माहौल गर्मा गया है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय वंदे मातरम गाने से साफ इनकार कर रहे हैं. इस्लामी स्कॉलरों का कहना है कि किसी भी सूरत में इस गीत को नहीं पढ़ेंगे, क्योंकि ये इस्लामी सिद्धांत के खिलाफ है. सवाल उठता है कि आखिर क्या-क्या दिक्कतें हैं?









