
INDIA गुट के नेता पद की लड़ाई का 'द एंड', अब राहुल गांधी के लिए अगला टारगेट क्या है?
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बिहार की वोटर अधिकार यात्रा चाहे जो करवट ले, राहुल गांधी विपक्ष के निर्विवाद नेता बन गए हैं. इंडिया टुडे-सी वोटर के MOTN सर्वे में वे विपक्ष और कांग्रेस दोनों ही मोर्चों पर वो लोगों की पहली पसंद बने हैं - प्रधानमंत्री पद के संभावित दावेदार के रूप में भी उभरे हैं.
राहुल गांधी आम चुनाव के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता बन गए थे, लेकिन सवाल उठने बंद नहीं हुए थे. महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद ममता बनर्जी ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा दिया. और, लालू यादव से लेकर शरद पवार तक बारी बारी विपक्ष के कई नेता ममता बनर्जी के पीछे खड़े होने लगे थे, लेकिन अब बहुत कुछ बदल चुका है.
बिहार में SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण को आधार बनाते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग पर हमला बोल दिया. तरजीह तो वो शुरू से ही महाराष्ट्र में वोट चोरी, और कर्नाटक में कांग्रेस की केस स्टडी को दे रहे थे, लेकिन बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए तेजस्वी यादव के साथ वोटर अधिकार यात्रा पर निकल पड़े - ये तो पहले ही साफ हो गया था कि राहुल गांधी अगर SIR जैसा कॉमन इंटरेस्ट का मुद्दा उठाएं, तो पूरा विपक्ष साथ दे सकता है.
SIR के मुद्दे पर राहुल गांधी को आम आदमी पार्टी का बाहर से सपोर्ट मिलने लगा था, लेकिन अचानक अरविंद केजरीवाल ने पैंतरा बदल लिया है. अब तो वो नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार के किसी भी सदस्य की गिरफ्तारी न होने पर भी बीजेपी से समझौते का इल्जाम लगाने लगे हैं. जबकि, संजय सिंह अब तक सभी बैठकों के बाद कह रहे थे, INDIA ब्लॉक से बाहर होने के बावजूद मुद्दों पर सपोर्ट जारी रहेगा.
देखा जाए, तो राहुल गांधी विपक्ष के निर्विवाद नेता बनते जा रहे हैं. अब तो MOTN के सर्वे में भी लोग ऐसी ही राय दे रहे हैं. न तो विपक्षी खेमे में, न ही कांग्रेस के भीतर कोई भी नेता राहुल गांधी के आगे टिक पा रहा है.
राहुल गांधी के मुकाबले विपक्ष के बाकी नेता तो आस-पास वैसे ही नहीं नजर आ रहे हैं, जैसे प्रधानमंत्री पद को लेकर नरेंद्र मोदी के मुकाबले बाकी नेता. चाहे वे बीजेपी के ही नेता क्यों न हों, या फिर विपक्षी खेमे के राहुल गांधी ही - मोदी के उत्तरराधिकारियों के नाम देखें तो बीजेपी नेताओं के आस-पास अगर कोई दिखाई पड़ रहा है, तो वो राहुल गांधी ही हैं - मुश्किल तो ये है कि राहुल गांधी की ताकत भी यही है, और सबसे बड़ी कमजोरी भी यही चीज साबित हो रही है.
MOTN में राहुल गांधी पर जनता का मिजाज

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