
GST अधिकारी की काली करतूत, फर्जी आयकर अधिकारियों संग मारता छापा, फिर...
AajTak
गुजरात में नकली अधिकारियों द्वारा छापेमारी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. दाहोद जिले के सुखसर गांव में फर्जी आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी की घटना सामने आई है. यहां छह नकली आयकर अधिकारियों ने एक लाइसेंसी साहूकार की दुकान पर छापा मारकर 25 लाख रुपये की मांग की. हैरानी की बात यह है कि इस छापेमारी में असली जीएसटी अधिकारी भी शामिल थे.
गुजरात में पिछले डेढ़ साल में कई फर्जी अफसरों के छापे की घटनाएं सामने आई हैं. कच्छ के बाद अब दाहोद से फर्जी आयकर अफसरों के छापे की घटना सामने आई है. फर्जी आयकर अफसरों ने दाहोद जिले के सुखसर गांव में छापा मारकर 25 लाख रुपये मांगे, जिसके बाद दुकान मालिक को शक हुआ और फर्जी अफसरों का भंडाफोड़ हुआ.
दरअसल, दाहोद के सुखसर गांव में एक लाइसेंसधारी साहूकार की दुकान पर छह फर्जी आयकर अफसरों ने छापा मारा. कपड़े का कारोबार करने वाले दाहोद के अल्पेश प्रजापति की दुकान पर छह फर्जी आयकर अफसरों ने छापा मारने पहुंचा. उन्होंने उनकी दुकान में मिले आभूषणों के संबंध में दस्तावेज मांगे, जो उपलब्ध नहीं थे और इसलिए उन्होंने मामला दर्ज न करने के बदले में 25 लाख रुपये की मांग की.
ये भी पढ़ें- गुजरात में HMPV का तीसरा केस, 80 साल के बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव
लेकिन, उनके पास 25 लाख रुपये नहीं थे, इसलिए वे 2 लाख रुपये में मामला निपटाने लगे. इससे अल्पेशभाई के बेटे को शक हुआ और उसने फर्जी अफसरों के आईडी कार्ड मांगे. लेकिन उनके पास नहीं थे. इसके बाद अल्पेशभाई ने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने तुरंत पहुंचकर भावेश और अब्दुल नाम के दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया.
छापेमारी में असली GST अधिकारी भी शामिल
दाहोद के डिप्टी एसपी डी आर पटेल ने बताया कि पुलिस ने कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक असली जीएसटी अधिकारी भी शामिल है. विपुल कछिया जीएसटी अधिकारी है और उसने दूसरों की मदद से फर्जी आईटी छापेमारी की थी. पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. साथ ही यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने पहले भी ऐसी कोई छापेमारी की है या नहीं.

उत्तर भारत में घने कोहरे ने एक बार फिर हवाई यातायात की रफ्तार रोक दी है. दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट्स पर बेहद कम दृश्यता के कारण इंडिगो एयरलाइन की कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ फ्लाइट्स रद्द की गईं, जबकि कई में देरी हुई है. एयरलाइन ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस लगातार चेक करने की सलाह दी है.

1965 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने सेना की विजयी बढ़त को रोक दिया था. गुरु गोलवलकर सरकार के इस फैसले से बेहद दुखी हुए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने और उसकी कमर तोड़ने का इतना सुनहरा मौका गंवाना एक बड़ी भूल थी. पीएम शास्त्रीजी ने गोलवलकर की नाराजगी पर क्या कहा. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वही कहानी.











