Explainer: क्या है M-15, जिसे भारत सरकार ने पेट्रोल के विकल्प के रूप में ट्रायल के लिए उतारा
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What is Methanol M-15 Fuel: पेट्रोल-डीजल के विकल्प के लिए सरकार इथेनॉल के बाद अब मिथेनॉल पर जोर दे रही है. असम में 15% मिथेनॉल वाला पेट्रोल का ट्रायल शुरू हो गया है. इसकी खास बात ये है कि ये पेट्रोल और डीजल को पूरी तरह से रिप्लेस कर सकता है.
What is Methanol M-15 Fuel: बढ़ते प्रदूषण और कीमतों के बीच सरकार ने M-15 फ्यूल का ट्रायल शुरू कर दिया है. ये ट्रायल असम के तिनसुकिया जिले में शुरू हुआ है. इसके तहत 15% मिथेनॉल के मिक्चर वाला पेट्रोल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा है. इस पेट्रोल को सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बनाया है. सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल के विकल्पों पर काम कर रही है. चूंकि इसमें 15% मिथेनॉल मिला हुआ है, इसलिए इसे M-15 नाम दिया गया है.
मिथेनॉल की खास बात ये है कि ये पेट्रोल और डीजल दोनों को ही रिप्लेस कर सकता है. इसे पेट्रोल या डीजल में कुछ मात्रा में मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर 100% भी इस्तेमाल हो सकता है. इससे पेट्रोल-डीजल की तुलना में प्रदूषण भी कम होता है और ये सस्ता भी है. M-15 के इस्तेमाल से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 5 से 10 फीसदी की कमी आ सकती है.
मिथेनॉल से पहले सरकार ने पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है. भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल को मिलाने का टारगेट रखा है.
भविष्य का ईंधन है मिथेनॉल
पेट्रोल में 15% मिथेनॉल मिलाने से वायु प्रदूषण में 33 फीसदी की कमी आ सकती है, वहीं अगर इससे डीजल को पूरी तरह रिप्लेस कर दिया जाता है तो इससे 80 फीसदी तक वायु प्रदूषण कम होगा. शहरों में ट्रांसपोर्ट से 40% तक वायु प्रदूषण ट्रांसपोर्ट से होता है. सरकार ने M15 और M100 के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
सरकार का प्लान मिथेनॉल से डीजल को पूरी तरह रिप्लेस करने का है. अगर डीजल को पूरी तरह से इससे रिप्लेस कर दिया जाता है तो इससे वायु प्रदूषण में बहुत कमी आने की उम्मीद है. सरकार डीजल से चलने वाले 6 हजार से ज्यादा रेलवे इंजन को मिथेनॉल में बदलने पर काम कर रही है. अकेले रेलवे ही हर साल 3 अरब लीटर डीजल का इस्तेमाल करती है.
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