Droupadi Murmu Oath Ceremony : दिल्ली में इन रास्तों पर यात्रा करने से बचें, राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के चलते कई रूट बंद
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नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेंगी. वह देश की 15वीं और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. शपथ समारोह सुबह 10:15 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. सीजेआई एन. वी. रमणा उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे. इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.
भारत की नवर्निवाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी. राष्ट्रपति के शपथ समारोह की वजह से आज दिल्ली में कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. दिल्ली पुलिस ने भी इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है. पुलिस ने लोगों को कई रास्तों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं.
दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि सोमवार को राष्ट्रपति के शपथ समारोह की वजह से लुटियंस दिल्ली में वाहनों की आवाजाही प्रभावित रहेगी. ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. केंद्र सरकार के सभी विभागों और मंत्रालय को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शपथ ग्रहण समारोह संसद के सेंट्रल हॉल में होगा.
इन रूट पर यात्रा करने से बचें
दिल्ली पुलिस ने लोगों से सोमवार सुबह 9 बजे से दोपहर तक कौटिल्य, तीन मूर्ति मार्ग, गोल चक्कर तीन मूर्ति, अकबर रोड, गोल मेथी, कृष्णा मेनन मार्ग, विजय चौक, के कामराज मार्ग पर जाने से बचने की सलाह दी गई है.
इसके अलावा सुनहरी मस्जिद, रफी मार्ग, रेल भवन, संसद मार्ग, इम्तियाज खान मार्ग और गुरुद्वारा राकबगंज रोड, पटेल चौक, रायसीना रोड, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग पर भी जाने से बचने की सलाह दी गई है. दफ्तर भी रहेंगे बंद
कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को कुछ सरकारी दफ्तरों को आंशिक तौर पर बंद रखने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा संसद का निर्माण कार्य भी शपथ ग्रहण के दौरान बंद रहेगा. आदेश के मुताबिक, सुरक्षा जांच के लिए सुबह 6 बजे तक 30 कार्यालयों को खाली करना आवश्यक है.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.