
Cyclone Biparjoy: साइक्लोन के सामने कैसे दीवार बन जा रही हैं हमारी एजेंसियां... देखिए कैसे तबाही रोकने में मिल रही सफलता
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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के मुहाने पर खड़ा है. लेकिन अभी तक जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है. आपको पता है कि कैसे हमारी एजेंसियां तूफानों के सामने दीवार बनकर खड़ी हो जाती हैं. जानिए कैसे विज्ञान, इंसानी हिम्मत और सामंजस्य मिलकर बचाते हैं लाखों लोगों की जान.
अरब सागर तूफानी उफान मार रहा है. लहरें 30 से 40 फीट ऊपर उठ रही हैं. हवाएं 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हैं. वजह है Cyclone Biparjoy. इसकी वजह से गुजरात के सात जिलों में तबाही की आशंका जताई जा रही है. साथ ही 9 राज्यों को अलर्ट किया गया है. आज से लेकर अगले 48 घंटों तक गुजरात के इन सात जिलों में भारी बारिश की आशंका है.
ऐसे तूफानों से टक्कर लेती हैं हमारी सेनाएं, कोस्ट गार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल. लोगों को बचाने के लिए तूफानों के सामने सीना तानकर दीवार बनकर खड़ी हो जाती हैं ये एजेंसियां. आपस में सामंजस्य बिठाकर काम करती हैं. लेकिन सबसे पहले कौन करता है शुरुआत?
सबसे पहले भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ISRO द्वारा लॉन्च किए गए सैटेलाइट्स और राडारों के जरिए देश के आसपास के मौसम पर नजर रखती है. जैसे ही मौसम विभाग को सैटेलाइट या राडार से किसी साइक्लोन के आने की खबर मिलती है. ये उसका रास्ता, गति, तीव्रता आदि ट्रैक करते हैं. इसके बाद तूफान के रास्ते में आने वाले राज्य, एनडीआरएफ, सेना और केंद्र सरकार को सूचित करते हैं.
जब भी कोई आपदा आती है, तब कौन सी एजेंसियां काम करती हैं
NDMA: नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी देश की सर्वोच्च संस्था है, जो आपदा के समय लोगों को बचाने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम करती है. इसके प्रमुख खुद देश के प्रधानमंत्री होते हैं. इस संस्था के अंदर आने वाली नेशनल डिजास्टर रेसपॉन्स फोर्स (NDRF) का काम होता है, आपदाओं पर नजर रखना. लोगों को दिशानिर्देश देना और उन्हें बचाना और सुरक्षित रखना.

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