
Budget 2025: क्या हट जाएगी ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलने वाली सभी छूट? बजट में सरकार दे सकती है झटका
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रिपोर्ट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने और धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस डिडक्शन को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा, SBI रिसर्च ने 10-15 लाख रुपये की इनकम लिमिट के लिए टैक्स की रेट को घटाकर 15% करने और सभी बैंक डिपॉजिट्स पर एक समान 15% कर टैक्स लागू करने का प्रस्ताव रखा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ओल्ड टैक्स रिजीम को लेकर बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है और टैक्सपेयर्स को एक झटका लग सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी, 2025 को बजट भाषण से पहले जारी की गई SBI Research की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत सभी छूटों को समाप्त कर सकता है और उन्हें नई टैक्स व्यवस्था में बदल सकता है. इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने और धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस डिडक्शन को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा, SBI रिसर्च ने 10-15 लाख रुपये की इनकम लिमिट के लिए टैक्स की रेट को घटाकर 15% करने और सभी बैंक डिपॉजिट्स पर एक समान 15% कर टैक्स लागू करने का प्रस्ताव रखा है.
सरकार से एक्सपर्ट को क्या उम्मीद SBI के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने रिपोर्ट में कहा, 'हमारा अनुमान है कि भारत सरकार नई टैक्स व्यवस्था के तहत सभी को शामिल करके, इनकम ग्रोथ में बेहतर टैक्स अनुपालन सुनिश्चित कर सकती है और कंजम्पशन को बढ़ावा दे सकती है.' यह संभव है कि इस तरह के उपाय को लागू करने से सरकार के टैक्स रेवेन्यू में थोड़ी कमी आ सकती है.
SBI रिसर्च ने इन बदलाव होने की संभावना जताई
पुरानी टैक्स व्यवस्था की उम्मीदें सरकार द्वारा पुरानी टैक्स व्यवस्था को समाप्त करने के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. हालांकि, इसके भविष्य को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. 2020 के केंद्रीय बजट में पेश की गई नई टैक्स व्यवस्था, पिछले सिस्टम के तहत उपलब्ध छूट और कटौती के बिना कम टैक्स रेट पेश करती है. अपनी सरलता के कारण नई कर व्यवस्था की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, कई टैक्सपेयर्स अभी भी पुराने सिस्टम को पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें धारा 80सी और 80डी के तहत कई डिडक्शन और छूट मिलती हैं.

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