BJP में भेजना है तो मुझे निकाल दो... गैरजिम्मेदार और नादानीभरा बयान बता अखिलेश पर बरसे शिवपाल
AajTak
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मैनपुरी में एक कार्यक्रम में जब से अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर भाजपा चाहे तो चाचा को अपने पास ले ले, उनके इस बयान पर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मैनपुरी में एक कार्यक्रम में जब से अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर भाजपा चाहे तो चाचा को अपने पास ले ले, उनके इस बयान पर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है. अब शिवपाल यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा में भेजना है तो मुझको निकाल देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का गैर जिम्मेदाराना बयान है, नादानी का बयान है. समाजवादी पार्टी के 111 विधायक जो जीते हैं उनमें से हम एक हैं अगर भाजपा में भेजना है तो मुझको निकाल देना चाहिए. वहीं शिवपाल यादव ने आजम खान को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. जब से कहा जा रहा है कि आजम सपा से नाराज चल रहे हैं, उनके अगले कदम को लेकर हलचल बढ़ गई है. अब इस बारे में शिवपाल कहते हैं कि आजम खान 10वी बार के विधायक हैं, सबसे सीनियर विधायक हैं, एक बार सांसद भी रहे, एक बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे.
वहीं जब शिवपाल यादव से उनके अगले कदम को लेकर सवाल पूछा गया तो वे कोई भी बयान देने से बच गए. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब कोई बात होगी तो उचित समय होगा आप लोगों को अवगत करा देंगे. अब जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव ने शिवपाल के बहाने बीजेपी पर तंज कसा था. उनकी तरफ से कहा गया था कि भाजपा अगर चाचा को लेना चाहती है, तो ले ले. वैसे बीजेपी इतना खुश क्यों हैं, ये समझ नहीं आ रहा.
शिवपाल यादव की नाराजगी की बात करें तो वे कई कारणों की वजह से सपा से दूर हो गए हैं. इसकी शुरुआत तो विधानसभा चुनाव से पहले ही हो गई थी जब बात सीट बंटवारे को लेकर हो रही थी. उस समय शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए कम से कम 100 सीटें चाहते थे. लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ एक ही सीट देने का फैसला किया और वो भी सिर्फ शिवपाल यादव को जसवंत नगर से मिली. उस समय शिवपाल को चुनाव भी सपा की टिकट पर लड़ना पड़ा था. बाद में चुनाव में मिली हार के बाद उन्हें सहयोगी दलों की बैठक में नहीं बुलाया गया, ऐसे में उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. फिर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की और बाद में आजम खान से भी जेल में मिलकर आए. अब उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, इस पर सभी की नजर है.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.