Bihar: सारण हिंसा के बाद रोहिणी आचार्य की बढ़ीं मुश्किलें, पुलिस ने दर्ज की FIR
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सारण में चुनाव के बाद हिंसा के मामले में आरजेडी उम्मीदवार रोहिणी आचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. बीजेपी की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. सारण एसपी डॉ. गौरव मंगला ने इस मामले की पुष्टि की है.
बिहार के सारण में 20 मई को नगर थाना क्षेत्र के बूथ नंबर 318, 319 पर बवाल हुआ था. इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता मनोज सिंह के ने नगर थाना में राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के खिलाफ हत्या का प्रयास, दंगा फैलाने, आचार संहिता के उल्लंघन और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है. इस मामले में नगर थाना में केस नंबर 349/2024 दर्ज हुआ है.
पुलिस ने रोहिणी आचार्य के खिलाफ धारा 307, 171C, 188, ROP Act लगाया है. आरजेडी के पूर्व विधायक भोला यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ छपरा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. सारण पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव मंगला ने इस केस की पुष्टि की है. इस मामले में आरोपी को थाने से बेल नहीं मिलेगा. जमानत के लिए न्यायालय ही जाना होगा.
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रोहिणी के पोलिंग बूथ पहुंचने के बाद हुई थी हिंसा
बताते चलें कि रोहिणी आचार्य सोमवार शाम को मतदान खत्म होने के तकरीबन आधे घंटे पहले छपरा शहर के पोलिंग बूथ पहुंची थीं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि रोहिणी आचार्य ने बूथ पर पहुंचकर मतदाताओं के साथ गलत बर्ताव किया, उनके साथ समर्थक भी थे. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया.
इस दौरान रोहिणी आचार्य के समर्थक और स्थानीय लोगों के बीच टकराव भी हुआ. बाद में रोहिणी आचार्य को आक्रोशित भीड़ को देखते हुए वहां से निकलना पड़ा. इसके बाद पुलिस को वहां पथराव की सूचना भी मिली थी. तब एसपी गौरव मंगला ने यह दावा किया था कि मतदान केंद्र के पास दो पक्षों में झड़प हुई. मगर, तेलपा में मतदान केंद्र सुरक्षित था और बूथ पर किसी भी घटना की सूचना नहीं मिली थी.
लगभग 37 लाख की आबादी वाले मणिपुर के इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं. लेकिन पिछले 1 साल में मणिपुर में जो हुआ, इसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की होगी. अदालत के एक आदेश के बाद 3 मई 2023 को मणिपुर की घाटी और पहाड़ों में रहने वाले 2 समुदायों के बीच ऐसी जंग छिड़ गई थी, जिसका अभी तक अंत नहीं हो सका है. इंफाल समेत पूरी घाटी में रहने वाले मैतेई बहुल इलाकों और घाटी के चारों तरफ पहाड़ों पर रहने वाले कुकी आदिवासी बहुल इलाकों के बीच एक अनकही खाई बन गई है.
डीजीपी ने कहा, 'जब आप किसी खतरे या चुनौती के बारे में बात करते हैं तो आप देखते हैं कि यह कितना गंभीर या बड़ा है. चुनौतियां सीमा पार से आ रही हैं और टेरर हैंडलर्स ने तय किया है कि वे इस तरह की आतंकी गतिविधियां को जारी रखेंगे. वे देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दिन अब गिनती के रह गए हैं क्योंकि घाटी में आतंकी ढांचे को बड़ा झटका लगा है.'