AIIMS, सफदरजंग, RML, LNJP...बच्चे को कहीं नहीं किया एडमिट, ऑक्सीजन खत्म होने पर एम्बुलेंस में गई जान
AajTak
दिल्ली की सड़कों पर 6 घंटे तक माता-पिता बच्चे के इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे. लेकिन ढाई साल के मासूम को कहीं इलाज नहीं मिला. आखिर में जब एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो बच्चे ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
राजधानी दिल्ली में सरकारी अस्पतालों की एक डरावनी तस्वीर समने आई है. जहां पर डॉक्टरों पर कथित तौर पर लापरवाही का आरोप लगा है. दरअसल मजनू का टीला इलाके में रहने वाले दंपत्ति का एक ढाई साल का बच्चा घर की चौथी मंजिल से अचानक से गिर गया था. आनन-फानन में बच्चे के माता पिता उसे सिविल लाइन स्थित ट्रामा सेंटर ले गए. जहां पर डॉक्टर्स की टीम ने 10 मिनट तक बच्चे का इलाज किया और उसके बाद एम्स ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया. ये कहकर कि उनके पास वेंटिलेटर नहीं है. माता-पिता एंबुलेंस में ढाई साल के मासूम बच्चे को लेकर पहले सफदरजंग अस्पताल लेकर गए. वहां पर डॉक्टर बच्चे के माता-पिता को इधर उधर घुमाते रहे और आखिर में बोले कि यहां पर बेड खाली नहीं है और एम्स चले जाने को कहा. परेशान माता-पिता बच्चे को लेकर एम्स पहुंचे वहां भी डॉक्टरों ने बेड खाली न होने का हवाला दिया और एम्स ट्रामा सेंटर भेज दिया.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.