AAP के चुनाव कैंपेन की दिशा मोड़ सकता है मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला
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संजय सिंह के जेल से छूटने के बाद मनीष सिसोदिया ने कोर्ट में नई अर्जी दी है, और इस बार कोई और काम नहीं बल्कि सीधे कहा है कि वो चुनाव प्रचार के लिए जमानत चाहते हैं- अगर सिसोदिया की जमानत मंजूर या नामंजूर हुई तो आम आदमी पार्टी को कितना फायदा या नुकसान होगा?
अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी ने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है, और नया नारा दिया है - 'जेल का जवाब वोट से.'
आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय के नेतृत्व में कैंपेन की शुरुआत दिल्ली के विश्वास नगर से हुई है. ये वो इलाका है जहां 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बीजेपी से हार का मुंह देखना पड़ा था.
अव्वल तो अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली में फिलहाल संजय सिंह ही नंबर 2 की भूमिका में नजर आ रहे हैं. खास बात ये है कि शुरू से ही आम आदमी पार्टी में नंबर 2 रहे दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं.
हाल ही में जेल से लिखी अपनी चिट्ठी में भी मनीष सिसोदिया ने ऐसी मंशा जाहिर की थी, और अब दिल्ली की अदालत में भी उनकी तरफ से जमानत अर्जी दाखिल कर दी गई है. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई और ईडी को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने को कहा है.
दिल्ली के कोने-कोने से आ रही है एक ही आवाज़ जेल का जवाब वोट से 🔥🇮🇳 pic.twitter.com/9YeurGXDYt
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.