
84 साल पुरानी दुश्मनी, तानाशाह का आतंक और खूनी खेल... नरसंहार जिसमें खून से लाल हो गया था सीरिया का हमा शहर
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इतिहास के काले पन्नों पर दर्ज ये नरसंहार वर्तमान राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता हाफ़िज अल-असद के राष्ट्रपति काल में हुआ था. हाफ़िज़ अल-असद बाथ पार्टी के नेता थे और 1971 से ही वे सीरिया पर तानाशाह के तौर पर शासन कर रहे थे.
Hama Massacre 1982: सीरिया से भागकर रूस में शरण ले चुके राष्ट्रपति बशर अल असद के पिता हाफिज अल असद ने साल 1982 में हमा नरसंहार को अंजाम दिया था. जिसके तहत शहर में लगभग 30,000 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई थी. उस नरसंहार को असद के खिलाफ सुन्नियों के सीरियाई मुस्लिम ब्रदरहुड के विद्रोह के बाद अंजाम दिया गया था. हमा नरसंहार आधुनिक मध्य पूर्वी इतिहास की एक अहम और दुखद घटना थी, जिसकी वजह से सीरिया में भारी हिंसा और राजनीतिक उठापटक देखने को मिली थी.
सरकार और विपक्ष के बीच तनाव इतिहास के काले पन्नों पर दर्ज ये नरसंहार वर्तमान राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता हाफ़िज अल-असद के राष्ट्रपति काल में हुआ था. हाफ़िज़ अल-असद बाथ पार्टी के नेता थे और 1971 से ही वे सीरिया पर तानाशाह के तौर पर शासन कर रहे थे. यह घटना सुन्नी-प्रभुत्व वाले विपक्ष, विशेष रूप से सीरियाई मुस्लिम ब्रदरहुड और धर्मनिरपेक्ष, अलावी-प्रभुत्व वाली बाथिस्ट सरकार के बीच तनाव से उत्पन्न हुई थी.
फरवरी 1982 में शुरू हुआ था विद्रोह 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक की शुरुआत में, सुन्नी मुस्लिम ब्रदरहुड द्वारा सरकार और सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर विरोध किया गया था और विद्रोह की घटनाएं बढ़ रही थीं. संघर्ष सुन्नी विपक्ष के गढ़, हमा शहर में बड़े पैमाने पर विद्रोह के बिंदु तक बढ़ गया था. फरवरी 1982 में, ब्रदरहुड ने हमा में बड़े पैमाने पर विद्रोह शुरू कर दिया था, जिसमें सरकारी अधिकारियों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया गया था.
27 दिनों का खूनी खेल इसके जवाब में, हाफ़िज़ अल-असद ने विद्रोह को दबाने के लिए अपने भाई, रिफ़ात अल-असद के नेतृत्व में एक सैन्य अभियान का आदेश दिया था. इस अभियान के तहत शहर पर अंधाधुंध गोलाबारी और हवाई बमबारी की गई थी. सीरियाई अरब सेना ने टैंकों और भारी तोपखाने का इस्तेमाल किया था, 2 से 27 फ़रवरी, 1982 तक यानी लगभग 27 दिनों तक हमा की घेराबंदी करके पूरे इलाके तबाह कर दिए गए थे और बड़ी संख्या में नागरिक हिंसा के बीच फंस गए थे.
जनरल रिफ़ात अल-असद ने संभाली थी कमान असल में, सीरियाई अरब सेना और रक्षा कंपनियों के अर्धसैनिक बल ने राष्ट्रपति हाफ़िज़ अल-असद के आदेश पर, बाथिस्ट सरकार के खिलाफ़ मुस्लिम ब्रदरहुड द्वारा किए गए विद्रोह को दबाने के लिए 27 दिनों तक हमा शहर की घेराबंदी की थी. मुस्लिम ब्रदरहुड सहित सुन्नी मुस्लिम समूहों ने 1976 में एक अभियान शुरू किया था, जिसे जनरल रिफ़ात अल-असद की कमान में सीरियाई अरब सेना और अलावी मिलिशिया द्वारा हमा में किए गए सुन्नी विरोधी नरसंहार में बेरहमी से कुचल दिया गया था.
3 महीने बंद थे संचार, बिजली और खाद्य आपूर्ति ऑपरेशन शुरू होने से पहले, हाफ़िज़ अल-असद ने हमा को बाहरी दुनिया से अलग करने के आदेश जारी किया था. वहां प्रभावी रूप से मीडिया ब्लैकआउट लागू किया गया, शहर में महीनों तक संचार, बिजली और खाद्य आपूर्ति को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. पश्चिमी देशों की शुरुआती कूटनीतिक रिपोर्टों में कहा गया कि 1,000 लोग मारे गए. लेकिन बाद के अनुमान अलग-अलग थे. इस नरसंहार के दौरान हमा में मौजूद रॉबर्ट फिस्क के मुताबिक मरने वालों की संख्या 20,000 के आसपास थी. जबकि सीरियाई मानवाधिकार समिति और एसएनएचआर ने यह तादाद 40,000 थी.

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