
66 साल से एकछत्र राज! सिंगापुर में पीपुल्स एक्शन पार्टी ने जीता लगातार 14वां चुनाव, 90% सीटों पर जमाया कब्जा
AajTak
आम चुनावों में 97 संसदीय सीटों में से पीएपी ने 87 पर जीत हासिल की और विपक्षी पिछले चुनावों में मिली बढ़त को बरकरार रखने में विफल रहे. यह पीएपी की लोकप्रियता का संकेत देता है.
सिंगापुर की पीपुल्स एक्शन पार्टी ने शनिवार को लगातार 14वीं बार आम चुनावों में जीत दर्ज की और अपने छह दशक के शासन को आगे बढ़ाया. ग्लोबल ट्रेड वॉर से उत्पन्न आर्थिक उथल-पुथल के बीच सिंगापुर की जनता ने अपने नए प्रधानमंत्री को मजबूत जनादेश दिया है. 7 अगस्त, 1965 को सिंगापुर एक स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र के रूप में विश्व के नक्शे में आया और पीपुल्स एक्शन पार्टी 1959 से ही यहां शासन कर रही है.
इन आम चुनावों में 97 संसदीय सीटों में से पीएपी ने 87 पर जीत हासिल की और विपक्षी पिछले चुनावों में मिली बढ़त को बरकरार रखने में विफल रहे. यह पीएपी की लोकप्रियता का संकेत देता है. एशिया के फाइनेंशियल हब के रूप में पहचाने जाने वाले सिंगापुर में चुनाव से पहले सत्ता पर पीएपी की मजबूत पकड़ से लोगों का मोहभंग के कुछ संकेत जरूर मिले थे, लेकिन चुनाव परिणामों ने इसे गलत साबित कर दिया. सिंगापुर की ज्यादातर आबादी ने जन्म के बाद से ही किसी दूसरी पार्टी को सत्ता में नहीं देखा है.
यह भी पढ़ें: एक भारतीय राजा, "एक भारतीय राजा, एक शेर और फिर सिंगापुर के नाम रखे जाने की कहानी...
Heartiest congratulations @LawrenceWongST on your resounding victory in the general elections. India and Singapore share a strong and multifaceted partnership, underpinned by close people-to-people ties. I look forward to continue working closely with you to further advance our…
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉरेंस वोंग को उनकी जीत पर बधाई दी. उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'आम चुनावों में आपकी शानदार जीत पर हार्दिक बधाई. भारत और सिंगापुर के बीच एक मजबूत और बहुआयामी साझेदारी है, जो लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर आधारित है. मैं हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना जारी रखने के लिए तत्पर हूं.'
यह भी पढ़ें: सस्ते में करें मलेशिया-सिंगापुर की सैर, 7 दिनों की होगी ट्रिप, जानें खर्च और टूर बुकिंग डिटेल्स

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






