447 साल बाद आज भी तुलसीदास के गांव में मौजूद है हस्तलिखित रामचरितमानस
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गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस 447 साल बाद भी सहेज कर रखी गई है. गोस्वामी के गांव राजापुर से उनकी हस्तलिखित रामचरितमानस का दर्शन किया जा सकता है. हस्तलिखित रामचरितमानस को देखकर पता चलता है कि 500 साल में हिंदी वर्णमाला के 15 अक्षर बदल चुके हैं.
भगवान राम को आमजन तक पहुंचाने में महाकाव्य रामचरितमानस की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है. गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की रचना 966 दिन में पूरी हुई थी. इसके लिए तुलसीदास ने अयोध्या, काशी, समेत तमाम उन स्थानों का भ्रमण किया था जहां भगवान राम से जुड़े साक्ष्य मौजूद थे.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.