4.5 करोड़ पेंडिंग केस पर बोले CJI जस्टिस रमणा - यह एक कठोर विश्लेषण
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महाभारत में संघर्ष समाधान के लिए मध्यस्थता को शुरुआती प्रयास का जिक्र करते हुए जस्टिस रमणा ने कहा कि कृष्ण ने पांडवों और कौरवों के बीच विवाद खत्म करने को लेकर मध्यस्थता करने का प्रयास किया. मध्यस्थता की विफलता के कारण ही विनाशकारी परिणाम हुआ.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा (CJI NV Ramana) ने आज शनिवार को कहा कि अनुमानित आंकड़ों के लिहाज से भारतीय अदालतों में पेंडिग केसों की संख्या 4.5 करोड़ तक पहुंच गई है, और ऐसा इसलिए है क्योंकि अदालतें इसको संभाल नहीं पातीं.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.