4 मई की घटना, 49 दिन बाद FIR, 78वें दिन गिरफ्तारी... मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी के केस में सवाल ही सवाल
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मणिपुर में 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में गुस्सा है. इस वीडियो को लेकर 18 मई को शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने 21 जून को मामला दर्ज किया था. लेकिन पहली गिरफ्तारी अब 20 जुलाई को वीडियो वायरल होने के बाद की.
मणिपुर की सड़क पर रोती-गिड़गिड़ातीं दो नग्न महिलाएं, भेड़ियों की तरह उनके शरीर को नोंचते-घसीटते लोग... दरिंदगी की सभी सीमाएं लांघती भीड़. बुधवार को वायरल हुए इस वीडियो को जिसने भी देखा, वह शर्मसार हो गया. देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा और नाराजगी है.
घटना 4 मई की बताई जा रही है, लेकिन पुलिस ने इस मामले में FIR लिखने में 49 दिन लगा दिए. इतना ही नहीं पुलिस को इस मामले में पहली गिरफ्तारी करने में 78 दिन लगे. मणिपुर सरकार भी वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आई. ऐसे में मणिपुर सरकार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
घटना पर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार को घेर रही है. वहीं, पीएम मोदी ने भी इस घटना को 140 करोड़ भारतीयों के लिए शर्मसार करने वाली बताई है. पीएम मोदी ने कहा कि यह पूरे देश के लिए बेइज्जती की बात है. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य से एक्शन पर रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे.
क्या है मामला?
दरअसल, पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हिंसा के करीब ढाई महीने बाद बुधवार को मणिपुर के कांगकोपी में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल होता है. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमा रही है, बल्कि अभद्रता भी कर रही है. इसके बाद महिलाओं से रेप किया जाता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ जाता है.
कब का है मामला?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.