
33,000 करोड़ के 'फ्रीबी' वादे... विकास के लिए बेताब बिहार क्या झेल पाएगा नेताओं के बड़े बोल?
AajTak
बिहार पर पहले से ही 4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है, ऊपर से चुनावी सीजन में मुफ्त योजनाओं के लिए बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं. करीब 33 हजार करोड़ के इन वादों से राज्य की कमर और टूटेगी या फिर ये वादे वोट जीतने की गारंटी बनेंगे? आइए जानते हैं क्या बिहार का खजाना इस बोझ को बर्दाश्त कर सकता है.
फ्री में बिजली, फ्री में टैबलेट या स्मार्टफोन, भत्ते...ये वादे भारत में चुनावों में आम हो गए हैं. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक पार्टियों ने कई बड़े-बड़े 'फ्रीबी' वादे किए हैं. यहां खासकर महिलाओं को कल्याणकारी योजनाओं के जरिए आकर्षित किया जा रहा है. इन वादों के बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या बिहार इन मुफ्त देने के वादों का खर्च वहन कर सकता है?
जन सुराज पार्टी का नेतृत्व कर रहे प्रशांत किशोर ने बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि उसने वित्तीय रूप से गैर-तर्कसंगत मुफ्तखोरी वाली घोषणाएं की हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाया जा सके. पार्टी प्रवक्ता पवन के वर्मा ने कहा कि ये फ्री की लुभावनी घोषणाएं लगभग 33,000 करोड़ रुपये का राज्य के खजाने पर भारी बोझ डालेंगे, खासकर जब राज्य पहले ही 4.06 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में है.
33,000 करोड़ रुपये बिहार के लिए क्या मायने रखते हैं?
ये राज्य के इस साल के कुल विकास बजट का 81 प्रतिशत है और राज्य के अपने कर राजस्व का आधे से ज्यादा है. इतनी बड़ी राशि किसी भी राज्य की आर्थिक वृद्धि को रोक सकती है, खासकर जब कर्ज पहले से बढ़ रहा हो और विकास की संभावना कम हो.
कर्ज में दबा बिहार
नीति आयोग की जुलाई में जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 2022–23 में बिहार का कर्ज से-GSDP अनुपात 39.6 प्रतिशत था, जो किसी मध्यवर्ती राज्य से काफी अधिक था और इसकी contingent liabilities यानी संभावित देनदारियां भी मध्यवर्ती राज्य से ज्यादा थीं.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.







