3 दिन की चर्चा और 133 मिनट तक पीएम मोदी का प्रहार... अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिन की चर्चा का पूरा लेखा-जोखा
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मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया दूसरा अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को गिर गया. कांग्रेस की ओर से मणिपुर हिंसा पर ये प्रस्ताव लाया गया था. तीन दिन तक चली चर्चा का गुरुवार को पीएम मोदी ने जवाब दिया. इससे पहले 2018 में भी विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. वह भी गिर गया था.
मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर मुद्दे पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव तीन दिन की चर्चा के बाद गुरुवार को गिर गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 घंटे 13 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इसी बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. इसके बाद ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. तीन दिन तक चली चर्चा में गौरव गोगई, राहुल गांधी, राजीव रंजन, सुप्रिया सुले, महुआ मोइत्रा, असदुद्दीन ओवैसी, फारूक अब्दुल्ला, मनीष तिवारी समेत तमाम नेताओं ने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरा. तो वहीं, सरकार की ओर से अमित शाह, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीतारमण, किरेन रिजिजू, लॉकेट चटर्जी, निशिकांत दुबे ने जवाब दिया. सबसे आखिर में पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने 133 मिनट के जवाब में कांग्रेस का इतिहास याद दिलाया, राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार किया. पीएम ने INDIA गठबंधन को भी निशाने पर लिया और फिर मणिपुर पर बात की. आइए जानते हैं कि तीन दिन की चर्चा के दौरान सदन में क्या क्या हुआ?
सदन में पहले दिन क्या क्या हुआ?
मणिपुर हिंसा को लेकर गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. इसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था. मंगलवार से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, मणिपुर में हिंसा पर डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही. विपक्ष को मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ा जा सके. इतना ही नहीं गोगोई ने पूछा, प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया? उन्हें मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे? इसके जवाब में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. प्रस्ताव उस शख्स के खिलाफ है जिसने जनता के कल्याण की बात की. उन्होंने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना.
'सोनिया जी को दो काम करने हैं- बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना', संसद में बोले BJP के निशिकांत दुबे
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज जब पीएम विश्व नेता के रूप में उभरे हैं और देश तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसे प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार थी जिसने इस क्षेत्र (पूर्वोत्तर) पर विशेष ध्यान दिया और कई हिस्सों में रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि पूर्वोत्तर विकास का इंजन बने. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों से मुश्किल से ही मिलते थे, जबकि वे खुद राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे. रिजिजू ने मणिपुर की मौजूदा समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया.'पुरानी संसद में आज आखिरी अविश्वास प्रस्ताव गिरते देखेंगे', लोकसभा में बोले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू
दूसरे दिन राहुल ने मोदी सरकार को घेरा
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