
29 जिले, 5 करोड़ लोग, 20 अभयारण्यों की लाइफलाइन... अरावली न होती तो क्या होता?
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अरावली मॉनसूनी हवाओं और बादलों को रोककर ओरोग्राफिक बारिश कराती है. दिल्ली-NCR को धूल-आंधियों से बचाती है. चार राज्यों के 29 जिलों में फैली यह रेंज 5 करोड़ लोगों की जलवायु, पानी और जैव विविधता के लिए जरूरी है. 31 स्तनधारी, 300 पक्षी और 200+ पौधों की प्रजातियां यहां हैं. जानिए क्यों जरूरी है अरावली...
अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे पुरानी पहाड़ी रेंज है. वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार यह रेंज न केवल उत्तर भारत को थार रेगिस्तान से बचाती है, बल्कि जलवायु संतुलन, जमीन के अंदर पानी बचाने और जैव विविधता यानी जानवरों और पेड़-पौधों में संतुलन बनाने में जरूरी भूमिका निभाती है.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अरावली पर विवाद खड़ा कर दिया. कहा गया कि 100 मीटर से ऊंची पहाड़ियों को ही अरावली माना जाएगा. इससे 90% से ज्यादा पहाड़ियां खतरे में पड़ गई हैं. सरकार इस बात पर स्पष्टीकरण दे रही है. यहां तक कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भी सामने आकर सफाई देनी पड़ी. लेकिन सफाई से अरावली का सवाल खत्म नहीं हुआ है.
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इस सीरीज के दूसरे पार्ट में हम अरावली के के आसपास की आबादी, जीव-जंतु, पेड़-पौधे, जिलों, रोजगार, आर्थिक लाभ, दिल्ली-NCR की सुरक्षा, मौसम पर प्रभाव आदि पर डिटेल में बात करेंगे.
मॉनसूनी हवाएं बिना रुके पूर्व की ओर चली जातीं, जिससे राजस्थान में बारिश कम हो जाती. थार रेगिस्तान पूर्व की ओर फैलता. बिना पहाड़ियों के हवाएं बिना वर्षा किए आगे निकल जातीं, जिससे उत्तर भारत सूखा पड़ जाता. अगर अरावली पूरी तरह नष्ट हो गई तो उत्तर भारत का मौसम बदल जाएगा.
मॉनसूनी हवाएं बिना रुके गुजरतीं, जिससे राजस्थान-दिल्ली में 20-30% कम बारिश होती. कुल मिलाकर सूखा बढ़ता. आज अरावली अवैध खनन और शहरीकरण से खतरे में है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अरावली की परिभाषा बदली, जिसमें 100 मीटर से ऊंची पहाड़ियां ही संरक्षित होंगी. वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि अगर ऐसा जारी रहा तो 10-20 वर्षों में उत्तर भारत में जलवायु संकट आएगा.

हरियाणा: नूंह में 17 साल की नाबालिग से गैंगरेप, वीडियो वायरल करने की धमकी, तीन आरोपियों की तलाश जारी
नूंह में 17 साल की किशोरी के साथ गांव के ही तीन युवकों ने ट्यूबवेल पर रात भर गैंगरेप किया. आरोपी पिछले कई महीनों से आपत्तिजनक वीडियो के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहे थे और उसे जबरन मोबाइल फोन देकर संपर्क में रहने का दबाव बना रहे थे. पुलिस ने पॉक्सो और बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश के लिए दो टीमें गठित की हैं.

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में 288 में से 215 सीटें जीतकर महायुति ने बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा और उसे सिर्फ 51 शीर्ष पदों पर ही सफलता मिली. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसका स्ट्राइक रेट 63 प्रतिशत से ज्यादा रहा, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. इसके उलट कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट का स्ट्राइक रेट 25 प्रतिशत से नीचे रहा.

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कोडाइन कप सिरप मामले पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि इस मामले में सरकार ने कोर्ट में जीत हासिल की है और कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि नकली दवाओं से कोई मौत उत्तर प्रदेश में नहीं हुई है और इस मामले में एनडीपीएस के तहत कड़ी कार्रवाई की गई है। कई अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं और इलीगल ट्रांजेक्शन में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल पाए गए हैं। एसटीएफ जांच कर रही है और बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी भी है। यह मामला स्वास्थ्य और कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है।

पुलिस ने चोरी के आरोपों पर जांच शुरू की है, जबकि परिवार ने कड़ी कार्रवाई और 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. CPI(M) ने इस घटना को RSS द्वारा फैलाए गए नस्लीय नफरत का परिणाम बताया है. मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है.









