
हिजाब पहनने वाली हलीमा का कमाल, मार्शल आर्ट्स में महिलाओं के लिए यूं पेश की मिसाल
AajTak
देश में अब महिलाएं खेल के क्षेत्र में भी सबसे आगे हैं. चाहे किसी भी प्रकार का खेल हो, महिलाओं का वर्चस्व हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. महिलाएं मार्शल आर्ट्स जैसे मुश्किल खेल में भी देश का नाम रोशन कर रही हैं. ऐसे ही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रहने वाली हलीमा मोमिन मार्शल आर्ट्स में नए-नए रिकॉर्ड बना रही हैं और प्रेरणा भी बन रही हैं.
पिछले साल कर्नाटक के स्कूल में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगने के बाद देशभर में इस निर्णय का काफ़ी विरोध किया गया और यह विवाद पिछले साल सबसे अधिक चर्चा में रहा. ऐसे विवादों के बीच देश में महिला सशक्तिकरण की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है. देश की महिलाएं लगातार हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, वो किसी भी मामले में पुरुष समाज से कम नहीं रही हैं. महिलाएं अब वो काम भी करती हैं, जो पहले सिर्फ़ पुरुष के काम कहे जाते थे.
मार्शल आर्ट्स में नए-नए रिकॉर्ड बना रहीं मुंबई की हलीमा मोमिन
देश में अब महिलाएं खेल के क्षेत्र में भी सबसे आगे हैं. चाहे किसी भी प्रकार का खेल हो, महिलाओं का वर्चस्व हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. देश की महिलाएं मार्शल आर्ट्स जैसे मुस्किल स्पोर्ट्स में भी देश का नाम रोशन कर रही हैं. ऐसे ही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रहने वाली हलीमा मोमिन मार्शल आर्ट्स में नए-नए रिकॉर्ड बना रही हैं और प्रेरणा भी बन रही हैं. दरअसल, इनके सुर्खियों में आने की वजह हिजाब भी है. हलीमा ने अपने काम में नई ऊंचाइयां हासिल कर रही हैं लेकिन हिजाब उनकी कामयाबी में आढ़े नहीं आया.
हिजाब में बनाई पहचान
22 साल की हलीमा मोमिन न सिर्फ फिटनेस का महत्व बता रही हैं, बल्कि वो हिजाब में रहने वाली महिलाओं की गलत छवि को भी तोड़ रही हैं. हलीमा मोमिन को हिजाबी बीस्ट के नाम से भी जाना जाता है. हलीमा 13 साल की उम्र से ही फ़िटनेस और खेल पर ध्यान दे रही हैं. हलीमा मोमिन ने मार्शल आर्ट में स्वर्ण पदक हासिल किया है. साथ ही राज्य स्तर पर पॉवर लिफ्टिंग में रजत पदक भी जीत चुकी हैं. वो एक एंटरप्रेन्योर भी हैं और अपना कपड़ों का कारोबार चला रही हैं. इसके साथ ही वो अन्य प्रतिस्पर्धा में शामिल होने की भी तैयारी कर रही हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







