
हर पांच में से एक अल्ट्रा रिच विदेश में बसने की सोच रहा, क्या है ये क्लास और इसके बाहर जाने से क्या बदल जाएगा?
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एक नए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिनकी संपत्ति 25 करोड़ रुपयों से ज्यादा है, वे या तो भारत छोड़ने का मन बना चुके या इस प्रोसेस में हैं. ये वर्ग अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इनडिविजुअल्स (UHNIs) का है. एक निजी बैंक के सर्वे में हर पांच में से एक अल्ट्रा अमीर ने माइग्रेट होने का इरादा दिखाया.
भारत खुद बांग्लादेश या म्यांमार से अवैध तौर पर आने वालों से परेशान है. इस बीच एक सर्वे बता रहा है कि हमारे अपने ही देश से माइग्रेशन तेजी से हो रहा है. केवल पढ़ने या अच्छी नौकरी के लिए लोग नहीं जा रहे, बल्कि सबसे अमीर क्लास के लोग भी देश छोड़ रहे हैं. अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इनडिविजुअल्स में आता ये वर्ग कुछ खास देशों की तरफ जा रहा है, जहां नागरिकता या लंबा वीजा आसान हो, और टैक्स में भी छूट मिल सके.
क्या कहता है सर्वे
विदेश मंत्रालय का डेटा बताता है कि हर साल लाखों भारतीय माइग्रेट कर जाते हैं. इनमें एक छोटा हिस्सा अल्ट्रा वेल्दी यानी बेहद अमीर लोगों का भी है. कोटक प्राइवेट बैंकिंग ने 12 शहरों के लगभग डेढ़ सौ अल्ट्रा अमीरों से बातचीत की. इसमें पाया गया कि हर पांच में से एक शख्स माइग्रेट करने की सोच रहा है. इनमें से ज्यादातर लोग अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई जा रहे हैं या ऐसी प्लानिंग कर रहे हैं.
क्यों बने ये देश प्राथमिकता
इनमें से कई देशों में नागरिकता आसान है, या फिर पैसे देकर लंबा वीजा खरीदा जा सकता है. मसलन, यूएई की बात करें तो गोल्डन वीजा स्कीम के तहत विदेशी नागरिक 10 साल तक बिना लोकल स्पॉन्सर के रह सकते हैं और अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं. इस वीजा को लेने वाले अपने परिवार लेकर भी आसानी से आ सकते हैं. यही वजह है कि हमारे यहां के अमीर दुबई शिफ्ट हो रहे हैं. इससे उन्हें टैक्स में भी फायदा मिलता है. अमेरिका ने भी हाल में गोल्ड कार्ड शुरू किया जो सिटिजनशिप बाई इनवेस्टमेंट का ही तरीका है.

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