
हमास का खूंखार साजिशकर्ता... ऐसा क्या किया था इस्माइल हानिया ने कि इजरायल ने ईरान तक पीछा करके मारा?
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Who was Ismail Haniyeh: आतंकी संगठन हमास का चेहरा बनने वाले सुन्नी मुसलमान इस्माइल हानिया की जिंदगी एक कट्टरपंथी विचार के राजनीतिक महात्वाकांक्षा में तब्दील होने की कहानी है. हानिया के माता-पिता फिलीस्तीन थे और उसका जन्म अरब-इजरायल जंग के दौरान हुआ था. उसका बचपन एक रिफ्यूजी कैंप में गुजरा. इस बच्चे ने फिलीस्तिनियों की बदहाली और तकलीफ को महसूस किया. इस अनुभव ने उसके राजनीतिक विचार को आकार दिया.
हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत ने एक बार फिर से याद दिला दिया है कि इजरायल का बदला फिल्मों और पॉपुलर वेब सीरीज की तरह ही कोल्ड ब्लडेड होता है. इसमें रत्ती भर भी फर्क नहीं होता है. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने हमास नेताओं का हवाला देते हुए कहा था कि "वे उधार के समय पर जी रहे हैं."
रिपोर्ट बताते हैं कि तेल अवीव में इजरायली रक्षा मंत्री कार्यालय की दीवार पर एक पोस्टर लटका हुआ है, जिसमें हमास के राजनीतिक ब्यूरो के अध्यक्ष इस्माइल हानिया सहित हमास के चेहरे दिखाई दे रहे हैं. ये आतंकी संगठन हमास को वो नेतृ्त्व है जो हाल के वर्षों में कतर को अपना ठिकाना बनाया है. इजरायल इन्हें अपना विलेन मानता है.
बुधवार सुबह जब इस्माइल हानिया की मौत की खबर मीडिया में आई तो दुनिया सन्न रह गई. आतंकी संगठन हमास का दावा है कि इजराल ने 'तेहरान में हानिया के आवास पर एक विश्वासघाती हमला' किया. इस हमले में 62 वर्षीय हानिया और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत हुई है.
बता दें कि हमास चीफ हानिया ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल लेने पहुंचा था. ईरानी राष्ट्रपति के शपथ के अगले दिन ही तेहरान में एक हमले में उसकी मौत हुई है. ईरान में नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण के साथ ही उसकी जमीन पर एक विदेशी मेहमान की हत्या ने पश्चिम एशिया की राजनीति और कूटनीति में उथल-पुथल मचा दिया है.
हमास का चेहरा बनने वाले सुन्नी मुसलमान इस्माइल हानिया की जिंदगी एक कट्टरपंथी विचार के राजनीतिक महात्वाकांक्षा बनने की कहानी है. हानिया के माता-पिता फिलीस्तीनी थे और उसका जन्म अरब-इजरायल जंग के दौरान हुआ था. उसका बचपन एक रिफ्यूजी कैंप में गुजरा. इस बच्चे ने फिलीस्तिनयों की बदहाली और तकलीफ को महसूस किया.
इस कड़वे अनुभव ने उसके राजनीतिक विचारों को आकार दिया. प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद हानिया इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा से अरबी साहित्य पढ़ने लगा. यहां वह छात्र राजनीति में जोर-शोर से सक्रिय हो गया. यहां इस्माइल हानिया ने मुस्लिम ब्रदरहुड से संबंधित इस्लामिक छात्र संगठन की अगुवाई की. इस रोल ने हमास में हानिया के नेतृत्व की रुपरेखा तैयार कर दी.

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