
सेक्स की वजह से शख्स ने खो दी याददाश्त, डॉक्टरों ने कही ये बात
AajTak
एक रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स के 10 मिनट बाद 60 साल के शख्स की याददाश्त चली गई. जिसके बाद मरीज को हॉस्पिटल ले जाया गया.
सेक्स की वजह से एक शख्स को शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस हो गया. वह बीते 2 दिन की सारी बातें भूल गया. ये बातें एक स्टडी में पता चली है. आयरिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स के 10 मिनट बाद ही 66 साल के शख्स को Transient Global Amnesia नाम की बीमारी (अचानक से मेमोरी लॉस होने की अस्थाई समस्या) हो गई.
आयरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल लिमरिक के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट ने कहा है कि मामला यह दर्शाता है सेक्स से मेमोरी लॉस हो सकती है. बता दें कि 7 साल पहले भी इस शख्स को सेक्स के बाद मेमोरी लॉस से जुड़ी कुछ दिक्कतें हुई थीं. तब Amnesia की शिकायत पर वह हॉस्पिटल गए थे.
'Recurrent Postcoital Transient Amnesia Associated with Diffusion Restriction' नाम की एक रिपोर्ट में उनके दो दिनों के मेमोरी लॉस के बारे में बताया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, याददाश्त प्रभावित होने से 10 मिनट पहले वह पत्नी के साथ संबंध बना रहे थे. जिसके बाद उन्होंने फोन पर डेट देखा और वह बेचैन हो गए. उन्हें लगा कि वेडिंग एनिवर्सरी उनसे मिस हो गई. दरअसल, इससे एक दिन पहले शख्स की वेडिंग एनिवर्सरी थी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि शख्स ने एक दिन पहले ही वेडिंग एनिवर्सरी मनाया था. उसकी पुरानी मेमोरी ठीक थी, लेकिन उस दिन और उससे एक दिन पहले की कोई यादें उसके पास नहीं थी.
शोधकर्ता Transient Global Amnesia को पुरानी बीमारी से जोड़कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि 50 से 70 साल की उम्र में व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है.

Surya Mangal Yuti 2025: 16 दिसंबर को धनु राशि में बनेगी सूर्य-मंगल की युति, इन राशियों को होगा फायदा
Surya Mangal Yuti 2025: धनु राशि में बन रही सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति कई राशियों के जीवन में नई ऊर्जा, बदलाव और नए अवसर लेकर आ रही है. करियर, धन, रिश्ते और आत्मविश्वास से जुड़े मामलों में भी बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.











