सिर्फ भारत को ना! पाकिस्तान के बाद तुर्की ने यूएई को दिया ऐसा घातक और खतरनाक हथियार
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तुर्की ने अपने किलर ड्रोन Bayraktar TB2 को लेकर पाकिस्तान के बाद यूएई से भी डील कर ली है. रिपोर्ट्स की मानें तो 20 ड्रोन यूएई को सप्लाई भी किए जा चुके हैं. सऊदी अरब भी टीबी-2 ड्रोन को खरीदने की लाइन में है, लेकिन अभी उससे बात चल रही है.
तुर्की ने दुनियाभर में किलर ड्रोन के नाम से मशहूर Bayraktar TB2 के लिए पहले पाकिस्तान और अब यूएई से डील कर ली है. रिपोर्ट्स की मानें तो तुर्की ने 20 खतरनाक ड्रोन यूएई को सप्लाई भी कर दिए हैं. और इस महीने और भी ड्रोन यूएई भेजे जा सकते हैं. खास बात है कि सऊदी अरब भी ड्रोन खरीदारी की लाइन में था, लेकिन तुर्की ने पहले यूएई को चुना है. वहीं भारत को यह ड्रोन बेचने के मामले में तुर्की लगातार चुप्पी साधे हुए है.
इस किलर ड्रोन को बनाने वाली तुर्की की डिफेंस कंपनी बायकर टेक्नोलॉजी के सीईओ हालुक बायरक्तार ने Nikkei Asia को दिए एक इंटरव्यू में भारत को ड्रोन देने से इनकार किया था. कंपनी के सीईओ ने कहा था कि वह युद्ध की परिस्थिति का फायदा नहीं उठाते हैं और उनकी नीति है कि वह किसी तरह के संघर्ष में शामिल दोनों ही पक्षों को हथियार नहीं बेचते हैं.
सीईओ ने कहा था कि हथियार बेचने के लिए तुर्की के मित्र देशों पाकिस्तान, अजरबैजान और यूक्रेन को वरीयता दी जाएगी.
तुर्की के Bayraktar TB2 नाम के इस फाइटर ड्रोन को काफी एडवांस तकनीक के साथ बनाया गया है, जिसने यूक्रेन-रूस युद्ध में ऐसी तबाही मचाई, जिसे देखकर पूरी दुनिया इसकी मुरीद हो गई और तुर्की के पास खरीदारों की लाइन लग गई.
हैरान करने की बात तो ये भी है कि रूस के खिलाफ इस्तेमाल होने के बावजूद खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसके फैन हो गए और ड्रोन निर्माता कंपनी के साथ काम करने की इच्छा भी जताई. हालांकि, तुर्की जो खुलकर युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में था, उसने इस पर साफ इनकार कर दिया.
ईरान के खौफ में यूएई ने खरीदे ड्रोन, सऊदी अरब भी लाइन में यूएई और सऊदी अरब को अब ऐसे खतरनाक ड्रोन की खास जरूरत पड़ रही है, जिसके पीछे की वजह ईरान को बताया जा रहा है. दरअसल, ईरान की ओर से बढ़ रही सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए यह दोनों देश ड्रोन के खरीदार बन चुके हैं या बनने का इंतजार कर रहे हैं.
हाल ही में गूगल के कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क दफ्तर में कई कर्मचारियों ने इजरायली सरकार के साथ कंपनी की डील को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था. कर्मचारी प्रोजेक्ट निंबस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जो इज़राइल और Google के बीच एक क्लाउड कंप्यूटिंग डील है. इस मामले में 28 के बाद अब 20 और कर्मचारियों को निकाल दिया गया है.