सांसदों के निलंबन पर बढ़ा सियासी टकराव, विपक्ष ने किया विरोध-प्रदर्शन
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राज्य सभा के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. आज इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ. हंगामे की वजह से लोकसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि ये नियमों के खिलाफ कार्रवाई है. खड़गे ने साफ किया कि माफी का कोई सवाल ही नहीं हैं. खड़गे के सवालों का जवाब देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि निलंबन खत्म करने की विपक्ष की मांग का कोई मतलब नहीं. इसके बाद विपक्षी दलों ने सदन का बहिष्कार कर दिया और संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हो गए. देखें ये एपिसोड.
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
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बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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