समय पर इलाज न मिलने से रोज दम तोड़ देते हैं 10 हजार भारतीय!
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देश में आज भी लाखों लोगों की समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत हो जाती है. 2020 में देश में 81.11 लाख लोगों की मौत हुई थी, उनमें से 36.52 लाख मौतें समय पर इलाज नहीं मिलने से हो गई.
ये सच्ची कहानी है. एक रात एक मां को सीने में दर्द उठा. उनसे सांस लेते नहीं बन रहा था. तुरंत कार में बैठाकर उन्हें घर के पास ही स्थित अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचे तो गेट पर ही कह दिया गया कि ये कोविड अस्पताल है और यहां दूसरे मरीजों का इलाज नहीं होगा. इसके बाद दूसरे अस्पताल की राह पकड़ी गई. वो भी कोविड अस्पताल था. वहां से भी लौटा दिया गया. आखिरकार उन्हें एम्स ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी सांसें बंद हो चुकी थीं. एम्स में डॉक्टरों ने देखा जरूर, लेकिन वही कहा जिसे कोई सुनना नहीं चाहता था.
अगर उस रात वो पहला अस्पताल उस मां को देख लेता तो हो सकता था कि वे बच जातीं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी मौत गैस्ट्रिक अटैक की वजह से हुई थी. सरल शब्दों में कहें तो गैस की वजह से सीने में दर्द उठा और गैस वहीं फंस गई और उनसे सांस लेते नहीं बना.
ये इकलौती कहानी नहीं है. लेकिन भारत में ऐसी घटनाएं हर रोज होती हैं. जहां समय पर मेडिकल सुविधा नहीं मिल पाने के कारण हजारों लोगों की मौत हो जाती है. कोरोना के दौर में ये आंकड़ा और बढ़ गया है.
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हर घंटे 416, हर मिनट 7 की मौत
दो दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) की रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 में देश में 81.11 लाख लोगों की मौत हुई थी. इनमें से 45 फीसदी यानी 36.52 लाख लोग ऐेसे थी जिनकी मौत समय पर मेडिकल सुविधा मिलने की वजह से नहीं हुई. अगर हर दिन का आंकड़ा निकालें तो ये संख्या 10 हजार के ऊपर बैठती है. यानी हर घंटे 416 और हर मिनट 7 लोगों की मौत समय पर मेडिकल सुविधा नहीं मिलने से हो गई.
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