
सबसे बड़ा सवाल, क्या रूस से मुकाबले के लिए यूक्रेन में अपनी फौज भेजेगा अमेरिका?
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रूसी हमले से परेशान यूक्रेन दुनिया से मदद की गुहार लगा रहा है. मामले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूसी राष्ट्रपति पर लगातार हमलावर हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या यूक्रेन की मदद के लिए बाइडेन अमेरिकी सेना को वहां भेजेंगे?
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो चुका है. रूसी सेना की शुरुआती कार्रवाई ने ही पड़ोसी देश में तबाही मचा दी है. यूक्रेन ने भी दावा किया है कि उसने रूस के 6 प्लेन मार गिराए हैं. इसके अलावा 50 रूसी सैनिक मारे गए हैं और 2 टैंक भी नष्ट किए गए हैं. इन दावों को सच भी मान लें तो भी ये रूस को रोकने के लिए काफी नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अमेरिका अफगानिस्तान की तरह यूक्रेन में भी अपनी सेना भेजेगा ताकि रूस से वहां मुकाबला किया जा सके? एक्सपर्ट की मानें तो इस सवाल का जवाब ‘ना’ है और इसकी वजह भी हैं.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

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माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

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शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








