सफदरजंग अस्पताल के बाहर बच्चे की डिलिवरी, 5 डॉक्टर्स पर लगी रोक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीम भेजी
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सफदरजंग अस्पताल के बाहर बच्चे की डिलिवरी के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय एक्शन में आया है. 5 डॉक्टर्स पर फिलहाल रोक भी लगाई गई है. वे अभी ड्यूटी नहीं कर पाएंगे.
सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung hospital) के बाहर सड़क पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम सफदरजंग हॉस्पिटल पहुंची है. यह टीम इस मसले से जुड़े तथ्यों को जुटाएगी. इस बीच पांच डॉक्टर्स को अपनी ड्यूटी करने से रोका भी गया है. ये डॉक्टर्स तब तक ड्यूटी नहीं कर पाएंगे जबतक हाई-लेवल जांच पूरी नहीं हो जाती.
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए सफदरजंग अस्पताल से जवाब मांगा था. स्वाति मालिवाल ने इस घटना को शर्मनाक बताया है.
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल ने कहा था कि हमने सोशल मीडिया पर वीडियो देखा. इसमें एक महिला की सफदरजंग अस्पताल के बाहर डिलीवरी हो रही है. साथ खड़ी महिलाएं जो डिलीवरी करवा रही हैं, वे कह रही हैं कि महिला रात भर अस्पताल के बाहर पड़ी रही और उसे एडमिट नहीं किया गया. ये शर्मनाक है. मैंने मामले में सफदरजंग अस्पताल को नोटिस इशू किया है.
क्या है मामला
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर का एक वीडियो आज सुबह से वायरल है. यहां पर दर्द से तड़प रही गर्भवती महिला को समय से एडमिट नहीं किया गया. जिसकी वजह से महिला ने अस्पताल परिसर में सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया.
महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि सोमवार रात उसे प्रसव पीड़ा हुई और वो दर्द से चिल्ला रही थी. उसे तुरंत ही सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसे समय पर एडमिट नहीं किया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.