सत्ता-विपक्ष से एक-एक सदस्य, गुलाब नबी-हरीश साल्वे को भी जगह... 'एक देश-एक चुनाव' पर बनी कमेटी में शामिल 7 सदस्य कौन?
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'वन नेशन वन इलेक्शन' के लिए गठित कमेटी में सत्ता पक्ष और विपक्ष से एक-एक मेंबर को शामिल किया गया था. सत्ता पक्ष से जहां अमित शाह को मेंबर के रूप में नियुक्त किया गया, वहीं विपक्ष से अधीर रंजन चौधरी को कमेटी में जगह दी गई थी. हालांकि अधीर रंजन ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
केंद्र की मोदी सरकार ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर कमेटी गठित कर दी है. इस 8 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. जबकि कमेटी के सदस्य के रूप में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को नियुक्त किया गया है. हालांकि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे इस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है. यह पूरी तरह से धोखा है.
इस कमेटी में सत्ता पक्ष और विपक्ष से एक-एक मेंबर को शामिल किया गया था. सत्ता पक्ष से जहां अमित शाह को मेंबर के रूप में नियुक्त किया गया, वहीं विपक्ष से अधीर रंजन चौधरी को कमेटी में जगह दी गई थी. हालांकि अधीर रंजन ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है. विपक्ष की मांग है कि इस कमेटी में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल किया जाए. इनके अलावा गुलाब नबी आजाद और हरीश साल्वे को भी कमेटी में जगह दी गई है. जानते हैं समिति में शामिल किए गए सदस्य कौन हैं?
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. कोविंद राष्ट्रपति के रूप में समकालिक चुनावों के समर्थक रहे हैं. 29 जनवरी 2018 को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा था कि देश में शासन की स्थिति से जूझ रहे नागरिक भारत के किसी न किसी हिस्से में बार-बार होने वाले चुनावों को लेकर चिंतित हैं, जो अर्थव्यवस्था और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. बार-बार चुनाव न केवल मानव संसाधनों पर भारी बोझ डालते हैं, बल्कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है. इसलिए, एक साथ चुनाव के विषय पर निरंतर बहस की आवश्यकता है और सभी राजनीतिक दलों को इसमें शामिल होने की जरूरत है.
अमित शाह
'वन नेशन वन इलेक्शन' की कमेटी में अमित शाह को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. केंद्रीय गृहमंत्री, सहकारिता मंत्री और गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को एक समृद्ध गुजराती परिवार में हुआ था. वह बीजेपी का संगठनात्मक विस्तार करने में उल्लेखनीय रूप से सफल रहे हैं. उनके कार्यकाल में पार्टी 10 करोड़ से अधिक पंजीकृत सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है.
अमित शाह के राजनीतिक करियर की शुरुआत सामान्य कार्यकर्ता से हुई और वह देश की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख पद तक पहुंचे. शुरुआत में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए और बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सक्रिय सदस्य बन गए. इसके बाद अहमदाबाद शहर इकाई के सचिव बने. फिर उन्होंने गुजरात बीजेपी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली. इसके बाद वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने. उनके समर्पण, निपुणता और सबसे बढ़कर परिणामोन्मुख प्रदर्शन ने उन्हें 1991 में लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी सहित कई राष्ट्रीय नेताओं के चुनाव अभियानों का प्रभारी बना दिया. 5 बार के विधायक अमित शाह लगातार 4 चुनावों में सरखेज विधानसभा क्षेत्र से और 2012 में नारणपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे. 2002 के विधानसभा चुनाव में अमित शाह 1 वोट के रिकॉर्ड अंतर से जीते थे.
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