
संसद पर हमले के लिए देश के कोने-कोने से हमलावर कैसे एक साथ आए?
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संसद की सुरक्षा में कैसे हुई इतनी बड़ी चूक हुई, आनन-फ़ानन में क्या फ़ैसले लिए गए और घुसपैठियों का मकसद क्या था, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ लिया लेकिन मंत्रालय को बांटने के लिए क्या फॉर्मुला बनाया जाएगा, क्यों बाइडेन ने इज़रायल की सरकार को कट्टर कहा, क्या इज़रायल-हमास युद्ध के बीच में ही अमेरिका अपने हाथ खड़े कर सकता है, सुनिए 'दिन भर' में जमशेद क़मर सिद्दिक़ी से.
साल 2001 में पुराने संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था, आज ही के दिन. इस मौके पर श्रद्धांजली सभा आज आयोजित की गई थी लेकिन कुछ लोग बाहर प्रदर्शन करने लगे, जिसे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया. इसके कुछ देर बाद लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर सदन के भीतर घुस गए. दोनों दर्शक दीर्घा से कूदे थे. उस वक्त बंगाल से भाजपा के सांसद खेगेन मुर्मू बोल रहे थे. घुसपैठियों ने स्प्रे से सदन में धुआं फैला दिया. इससे से लोकसभा में अफरातफरी मच गई. कुछ सांसदों ने घुसपैठियों को पकड़ कर पीटने लगे, सभी सांसद सदन से बाहर आ गए और मीडिया से आपबीती सुनाई.
इस पूरे घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है पुलिस के साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम भी उनसे पूछछात कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये चूक कैसे हुई, सुनिए 'दिन भर' में.
कैबिनेट बंटवारे का क्या होगा फ़ॉर्मुला?
तीन राज्यों में भाजपा की सरकार बनी आज दो राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने शपथ भी ले ली. मध्यप्रदेश में मोहन यादव ने और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय ने, दोपहर एक बजे के करीब राज्यपाल मंगूभाई ने शपथ दिलवाए. इसके बाद चार बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी में विष्णुदेव साय ने भी अपने दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ शपथ लिया.
दोनों ही कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे और उनके साथ राष्ट्र और राज्य के सभी बड़े नेता भी मंच से बैठे थे. कई बड़ो नामों को पीछे रखकर भाजपा नए चेहरों को सामने लेकर आई है, लेकिन अभी कैबिनेट का बंटवारा होना बाकी है. ये काम भी पार्टी के लिए एक टेढ़ी खीर साबित होने वाली है. इस रास्ते से भाजपा कैसे पार पाएगी, सुनिए 'दिन भर' में.
अमेरिका ने इज़रायल को अकेला छोड़ दिया?

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







