संजय सिंह की बेटी ने पिता के अंदाज़ में दिया भाषण! चर्चित फिल्मों में भी कर चुकी हैं काम
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संजय सिंह के पत्र का जिक्र करते हुए इशिता सिंह ने कहा कि आप लोगों के साथ की बहुत जरूरत है. क्योंकि जो उनके साथ हो रहा है, वह बहुत गलत हो रहा है. उन्होंने अंदर से संदेश भिजवाया है कि मेरे परिवार और मेरे लोगों को कोई भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए.
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की बेटी इशिता सिंह अपने पिता के अंदाज में भाषण देती नजर आईं. बुधवार को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में आजाद सेवा समिति के 28वें वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसमें दिल्ली से आम आदमी पार्टी के मंत्री गोपाल राय समेत कई विधायक शामिल हुए. कार्यक्रम में संजय सिंह के पिता दिनेश सिंह और उनकी पत्नी अनीता सिंह भी मौजूद रहीं.
जब मंच से भाषण देने की बारी आई तो संजय सिंह की बेटी इशिता सिंह भी इसमें शामिल हो गईं. उन्होंने संजय सिंह द्वारा जेल से लिखकर भेजा गया एक पत्र अपने भाषण में पढ़ दिया. इशिता सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि यह सब कुछ बोलने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ रही है और समझ नहीं आ रहा कि कहां से बोलना शुरू करें. अंदर से आप लोगों के लिए संदेश आया है और वह संदेश आप लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी था. आज अगर बाहर आप हिम्मत रखेंगे, तो वो अंदर अपनी लड़ाई हिम्मत से लड़ पाएंगे.
संजय सिंह के पत्र का जिक्र करते हुए इशिता सिंह ने कहा कि आप लोगों के साथ की बहुत जरूरत है. क्योंकि जो उनके साथ हो रहा है, वह बहुत गलत हो रहा है. उन्होंने अंदर से संदेश भिजवाया है कि मेरे परिवार और मेरे लोगों को कोई भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए. किसी का इलाज या किसी की पढ़ाई भी नहीं रुकनी चाहिए. मैं अंदर हूं तो क्या हुआ, लेकिन मेरे लोग बाहर हैं.
इशिता सिंह ने कहा कि हर साल ये कार्यक्रम दिसंबर के महीने में होता था. सब लोग बहुत दुखी थे और यह कार्यक्रम लगभग नहीं होना था. लेकिन उन्होंने अंदर से कहा कि मैं अगर जेल में हूं तो इसका यह मतलब नहीं कि गरीबों का काम रुक जाएगा. हमने उनकी यह हिम्मत देखकर आज कार्यक्रम आयोजित किया है. इशिता सिंह ने कहा कि शर्त सिर्फ इतनी है कि अपना साथ उनके साथ रखिए. क्योंकि आपके साथ की वजह से ही सुल्तानपुर जैसे छोटी जगह से निकले संजय सिंह संसद के भीतर हम सब के हक के लिए आवाज उठाते हैं. वह आवाज सिर्फ संजय सिंह की ही नहीं, बल्कि हर एक गरीब, हर एक जरूरतमंद की आवाज है. अगर आपका साथ नहीं होगा, तो वह यह आवाज संसद में नहीं उठा पाएंगे.
इशिता सिंह ने अपने भाषण में बताया कि संजय सिंह ने जेल के भीतर से उनके और उनके भाई उत्कर्ष के लिए भी एक पत्र लिखा था. वह चाहते थे कि यह बातें मैं आप लोगों को बताऊं कि वह जेल के अंदर रहकर भी अपने बच्चों को क्या सीख दे रहे हैं. संजय सिंह का पत्र पढ़ते हुए इशिता सिंह ने कहा 'तब्बू और उत्तू को ढेर सारा प्यार. तुम लोगों को अपना पूरा ध्यान करियर पर लगाना चाहिए. तुम्हारे पापा देश के तानाशाहों से लड़ रहे हैं और हर तानाशाह डरपोक और कायर होता है. संकट के समय ही इंसान की बहादुरी की परीक्षा होती है. तुम लोगों को मेरी ताकत बनना है. किसी से कोई शिकायत नहीं करनी है. वापस जाओ और अपने करियर पर ध्यान दो. देश में बहुत लोगों ने संघर्ष किया है. सेना किस तरह बॉर्डर पर हमारी जान बचाने के लिए लड़ाई लड़ती है और हर मुश्किल स्थिति में हमारी रक्षा करती है. गांधीजी, भगत सिंह, लोहिया, नेहरू जी कई सालों तक जेल में रहे, तो जेल के डर से संजय सिंह रुकने वाला नहीं है. तुम्हारा पापा संजय सिंह'
अपने भाषण के अंत में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की बेटी इशिता सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा भी लगाया और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविता भी पढ़ी- 'खूब करो साहब कोशिश हमें मिट्टी में मिलाने की, लेकिन शायद आप भूल गए हैं कि हम वो बीज हैं जिसे आदत है बार-बार उग जाने की'. इशिता सिंह ने कहा कि संजय सिंह वो बीज हैं, जिन्हें जितनी बार दबाया जाएगा वो उतनी बार उग जाएंगे और उसकी दोगुनी ताकत से लड़ाई लड़ेंगे. इस लड़ाई में आप अपना साथ बनाए रखिएगा.
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