
श्रद्धा हत्याकांडः लिव-इन रिलेशनशिप में रहना अपराध नहीं, बच्चे से लेकर संपत्ति तक... महिलाओं को मिले हैं ये अधिकार
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दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड के बाद लिव-इन रिलेशनशिप चर्चा में है. श्रद्धा की हत्या का आरोप उसके ही लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला पर लगा है. लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई अपराध नहीं है. लेकिन ऐसे रिश्तों में रहने वाली महिलाओं को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जानना जरूरी है कि लिव-इन में रहने वाली महिलाओं को क्या-क्या अधिकार हैं?
लिव-इन रिलेशनशिप, यानी जब लड़का और लड़की बगैर शादी के लंबे समय तक एक ही घर में एक साथ रहें. आज के दौर में लिव-इन रिलेशनशिप आम होती जा रही है. खासकर बड़े शहरों में.
लेकिन यही लिव-इन रिलेशनशिप आजकल चर्चा में है. कारण है दिल्ली का श्रद्धा हत्याकांड. श्रद्धा की हत्या का आरोप उसके ही बॉयफ्रेंड आफताब अमीन पूनावाला पर लगा है. आफताब और श्रद्धा लिव-इन में रहते थे. दोनों अक्सर झगड़ते भी रहते थे. 18 मई को शादी की बात पर दोनों में झगड़ा हुआ, जिसके बाद आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी. बाद में श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े कर दिए और उन टुकड़ों को अलग-अलग जगह फेंक दिया, ताकि पकड़ा न जा सके. हत्याकांड के लगभग 6 महीने बाद आफताब पकड़ा गया और पुलिस जांच कर रही है.
भारत में लिव-इन रिलेशनशिप का कल्चर भी बढ़ रहा है. 2018 में एक सर्वे हुआ था. इस सर्वे में शामिल 80% लोगों ने लिव-इन रिलेशनशिप को सपोर्ट किया था. इनमें से 26% ने कहा था कि अगर मौका मिला तो वो भी लिव-इन रिलेशन में रहेंगे.
हमारे देश में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कोई कानून नहीं हैं. लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रहना अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट और अदालतों के फैसलों ने लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दे रखी है.
अब श्रद्धा हत्याकांड में सबसे बड़ी बात ये निकलकर आ रही है कि श्रद्धा के साथ लंबे समय तक आफताब मारपीट कर रहा था, लेकिन उसने इसकी शिकायत नहीं की. उसके दोस्तों का दावा है कि कई बार बात इतनी बढ़ गई थी कि बात पुलिस के पास जाने तक पहुंच गई थी. हालांकि, श्रद्धा के मना करने पर पुलिस तक मामला नहीं पहुंचा. अगर श्रद्धा वक्त रहते पुलिस तक पहुंच जाती या शिकायत करती तो उसकी जान बच सकती थी. इसलिए, अगर आप लिव-इन में रह रहे हैं तो आपको अपने अधिकार पता होने चाहिए.
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