
शी जिनपिंग अगले साल आ सकते हैं भारत... PM मोदी ने BRICS समिट के लिए चीनी राष्ट्रपति को दिया निमंत्रण
AajTak
भारत अगले वर्ष ब्राजील से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा और 2026 में इस संगठन का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 का ब्रिक्स सम्मेलन भारत के लिए अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता और एशिया में रणनीतिक संतुलन को मज़बूत करने का अहम अवसर होगा. चीन में चल रहे SCO समिट के दौरान पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को साल 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया. विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए भारत की आगामी ब्रिक्स अध्यक्षता को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया.
दरअसल, भारत अगले वर्ष ब्राजील से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा और 2026 में इस संगठन का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज को मजबूत करने और समूह को नए स्वरूप में ढालने की दिशा में प्रयासरत है.
मोदी-शी मुलाकात और SCO पर चर्चा
बता दें कि चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की SCO अध्यक्षता और तियानजिन सम्मेलन के आयोजन का समर्थन व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता अत्यंत आवश्यक है.
पिछले वर्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ विवादित इलाकों में हुई ‘डिसएंगेजमेंट’ प्रक्रिया का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने इसे सकारात्मक कदम बताया और भरोसा जताया कि आगे भी सीमा पर शांति बनी रहेगी.
भारत का ब्रिक्स एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







