शव यात्रा रोकी तो दलित परिवार ने ग्राम पंचायत कार्यालय के सामने किया अंतिम संस्कार
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इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 7 दलित परिवार के लोग भी शामिल हैं. उन पर कोरोना नियमों की अनदेखी करते हुए अंतिम संस्कार करने के लिए केस दर्ज हुआ है.
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक दलित परिवार को कथित तौर पर उच्च जाति के लोगों द्वारा अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये रही कि स्थानीय पुलिस ने भी शव यात्रा निकालने से रोक दिया था. इससे नाराज परिजनों ने ग्राम पंचायत कार्यालय के सामने दाह संस्कार कर दिया.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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