
'विपक्षी एकता फोटो खिंचवाने के अवसर से ज्यादा कुछ नहीं', चुनाव से पहले गठबंधन पर बोले गुलाम नबी आजाद
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लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्षी एकता सिर्फ फोटो खिंचवाने का अवसर है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता से कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है. यह फोटो खिंचवाने के अवसर से ज्यादा और कुछ नहीं है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि उन्हें इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है.
डीपीएपी चीफ ने कहा, "विपक्षी एकता से तभी फायदा होगा, जब दोनों पक्षों के लिए कुछ होगा. दोनों के लिए लाभ के हिस्से में अंतर हो सकता है. यह 50-50 या 60-40 हो सकता है, लेकिन इस मामले में दोनों पक्षों के पास देने के लिए कुछ भी नहीं है."
पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस और सीपीएम का राज्य में कोई विधायक नहीं है. अगर ये दोनों पार्टियां टीएमसी के साथ गठबंधन करती हैं तो टीएमसी को क्या फायदा होगा? ममता बनर्जी इन दलों के साथ गठबंधन क्यों करेंगी? इससे उन्हें क्या फायदा होगा? इसी तरह टीएमसी का राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कोई विधायक नहीं है. कांग्रेस उसे इन राज्यों में क्या देगी?
पूर्व सीएम ने कहा कि इसी तरह आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं है. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP के पास कहीं और कोई विधायक नहीं है.
विपक्षी एकता एक फोटो अवसर: आजाद
आजाद ने कहा कि विपक्षी एकता एक अच्छा फोटो अवसर के अलावा और कुछ नहीं है. हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह चाहते हैं कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दल एकजुट हो जाएं. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रत्येक विपक्षी दल के पास अपने राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में कुछ भी नहीं है. यदि 2-3 दलों ने राज्यों में गठबंधन सरकार बनाई होती तो यह फायदेमंद होता.

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